चेन्नई सुपर किंग्स ने दिल्ली कैपिटल्स को 6 विकेट से मात देकर आठवीं बार आईपीएल के फाइनल में जगह बना ली है. रविवार 12 मई को चेन्नई का सामना मुंबई से हैदराबाद में होगा. आईपीएल सीजन 12 के दूसरे क्वालिफायर मुकाबले में धोनी की सेना ने दिल्ली का पहली बार IPL फाइनल खेलने का सपना तोड़ दिया.
विशाखापत्तनम में खेले गए इस मैच में टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करते हुए दिल्ली कैपिटल्स की टीम ने 20 ओवर में 9 विकेट गंवा कर 147 रन बनाए और चेन्नई सुपर किंग्स को जीत के लिए 148 रनों का टारगेट दिया. जवाब में चेन्नई सुपर किंग्स ने 19 ओवर में 4 विकेट गंवा कर 151 रन बना लिए और फाइनल में जगह बना ली.
चेन्नई सुपर किंग्स ने 2008, 2010, 2011, 2012, 2013, 2015, 2018 और 2019 में फाइनल तक सफर तय किया है. जिसमें से 2010, 2011 और 2018 में उसे खिताबी जीत हासिल हुई है. सुपर किंग्स बड़े मैचों में खेलने की आदी है, वह तीन बार आईपीएल का खिताब को जीत चुकी है. जबकि चार बार धोनी की सेना उप-विजेता रह चुकी है.
चेन्नई की तरफ से फाफ डु प्लेसिस (39 गेंदों पर 50) और शेन वॉटसन (32 गेंदों पर 50) ने अर्धशतक जमाए तथा पहले विकेट के लिये 81 रन जोड़कर टीम को अच्छी शुरुआत दिलाई. चेन्नई की जीत की नींव उसके गेंदबाजों ने रखी थी. उसकी तरफ से ड्वेन ब्रावो (19 रन देकर दो), रवींद्र जडेजा (23 रन देकर दो), दीपक चहर (28 रन देकर दो) और हरभजन सिंह (31 रन देकर दो) ने दो-दो विकेट लिए.
दिल्ली की तरफ से ऋषभ पंत ने 25 गेंदों पर सर्वाधिक 38 रन बनाए लेकिन इस बीच उन्होंने दो चौके और एक छक्का ही लगाया. उनके अलावा केवल कोलिन मुनरो (24 गेंदों पर 27 रन) ही 20 रन के पार पहुंचे. दिल्ली के पुछल्ले बल्लेबाजों ने अंतिम आठ गेंदों पर 22 रन बनाकर टीम को कुछ सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया.
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— IndianPremierLeague (@IPL) May 10, 2019
चेन्नई ने आईपीएल के दस टूर्नामेंट में हिस्सा लिया है और वह रिकॉर्ड आठ बार फाइनल में पहुंचने में सफल रहा. इनमें से तीन बार वह चैंपियन बना है. आईपीएल में यह चौथा अवसर होगा जबकि मुंबई और चेन्नई फाइनल में आमने-सामने होंगे. अब तक मुंबई दो और चेन्नई एक बार जीत दर्ज करने में सफल रहा है. मुंबई ने पहले क्वालिफायर में चेन्नई को ही हराया था. महेंद्र सिंह धोनी नौवीं बार आईपीएल फाइनल खेलेंगे.
दिल्ली की टीम के पास पहली बार फाइनल में पहुंचने का मौका था लेकिन उसकी टीम बल्लेबाजी, गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण तीनों विभाग में फिसड्डी साबित हुई. ट्रेंट बोल्ट और ईशांत शर्मा ने भी शुरू में कसी हुई गेंदबाजी की. पहले चार ओवरों में केवल 16 रन बने, लेकिन इसके बाद दिल्ली के गेंदबाज धीमी पिच पर जूझते हुए नजर आए. उसके स्पिनर भी इस पिच पर प्रभाव नहीं छोड़ सके.
दिल्ली ने पांचवें ओवर में अक्षर पटेल के रूप में स्पिनर को आक्रमण पर लगाया. डु प्लेसिस ने उन पर चौका और छक्का लगाकर हाथ खोले और फिर ईशांत के अगले ओवर की पहली तीन गेंदों को सीमा रेखा के दर्शन कराये जिससे पावरप्ले में चेन्नई 42 रन तक पहुंच गया. इस बीच दिल्ली ने लचर क्षेत्ररक्षण के कारण रनआउट का एक बेहतरीन मौका भी गंवाया.
डु प्लेसिस ने 37 गेंदों पर अपने आईपीएल करियर का 12वां अर्धशतक पूरा किया लेकिन इसके तुरंत बाद बोल्ट ने उन्हें डीप स्क्वॉयर लेग पर कीमो पॉल के हाथों कैच कराया. एक समय 20 गेंदों पर 18 रन बनाने वाले वॉटसन ने बाद में हाथ खोले. उन्होंने पटेल पर छक्का जमाया और फिर 12वें ओवर में पॉल पर तीन छक्के जड़कर 31 गेंदों पर अपना अर्धशतक पूरा किया.
डु प्लेसिस की तरह वॉटसन भी अर्धशतक पूरा करने के तुरंत बाद पवेलियन लौट गए. अमित मिश्रा की गेंद पर उनका लॉफ्टेड ड्राइव बोल्ट के सुरक्षित हाथों में चला गया. पटेल ने सुरेश रैना (11) को बोल्ड किया जबकि धोनी (नौ) ने विजयी छक्का जड़ने के प्रयास में सीमा रेखा पर कैच दिया लेकिन इससे हार का अंतर ही कम हुआ. अंबति रायडू 20 रन बनाकर नाबाद रहे.
दिल्ली कैपिटल्स की पारी
पहली बार आईपीएल के फाइनल में पहुंचने की कोशिश में लगी दिल्ली कैपिटल्स चेन्नई सुपर किंग्स के सामने बड़ा स्कोर नहीं खड़ा कर पाई. इस मैच में चेन्नई ने दिल्ली को 20 ओवरों में नौ विकेट के नुकसान पर 147 रनों पर ही रोक दिया. आठवीं बार फाइनल में जाने की कोशिश में लगी चेन्नई के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने टॉस जीतकर गेंदबाजी करने का फैसला किया. उनके गेंदबाजों ने अच्छा काम किया और लगातार विकेट लेते रहे जिससे दिल्ली की टीम हमेशा एक बड़ी साझेदारी की कमी से जूझती रही.
विकेट लेने की शुरुआत दीपक चहर ने पिछले मैच में अर्धशतकीय पारी खेलने वाले पृथ्वी शॉ (5) को 21 के कुल स्कोर पर आउट कर की. स्कोर 37 तक ही पहुंचा था कि हरभजन सिंह की एक गेंद शिखर धवन (18) के बल्ले का किनारा लेकर धोनी के दस्तानों में चली गई.
दिल्ली ने इस मैच में एक प्रयोग किया जो पूरी तरह से सफल नहीं हो सका. तीसरे नंबर पर कप्तान श्रेयस अय्यर के स्थान पर कोलिन मुनरो आए. मुनरो 24 गेंदों पर चार चौकों की मदद से 27 रन ही बना सके. 57 के कुल योग पर वह रवींद्र जडेजा की गेंद को बाहर भेजने के प्रयास में ड्वेन ब्रावो के हाथों लपके गए.
दिल्ली को एक अदद साझेदारी की दरकार थी. कप्तान और ऋषभ पंत दोनों इसी जरूरी साझेदारी की फिराक में थे, लेकिन अय्यर, इमरान ताहिर की गेंद पर बड़ा शॉट मारने के प्रयास में सुरेश रैना के हाथों लपके गए. अय्यर ने महज 13 रन बनाए. अक्षर पटेल (3) का बल्ला भी खामोश रहा.
दिल्ली का स्कोर 13 ओवरों में पांच विकेट के नुकसान पर 80 रन था. यहां से पंत और शेरफेन रदरफोर्ड क्रीज पर थे. रदरफोर्ड ने 16वें ओवर में गियर बदलने की कोशिश की और हरभजन द्वारा फेंकी गई दूसरी गेंद पर छक्का लगाया लेकिन दो गेंद पर वह एक और बड़ा शॉट खेलने की कोशिश में शेन वॉटसन के हाथों लपके गए.
पंत ने अगले ओवर में ताहिर पर एक चौका और एक छक्का मारा. 18वें ओवर में ब्रावो ने कीमो पॉल (3) को आउट कर दिल्ली को आठवां झटका दिया. दिल्ली की उम्मीदें पंत से थीं जो 19वें ओवर की चौथी गेंद पर चाहर के हाथों पंत के आउट होने से टूट गईं. पंत ने 25 गेंदों की पारी में दो चौके और एक छक्के की मदद से 38 रन बनाए.
धोनी ने आखिरी ओवर जडेजा को दिया जिसमें 16 रन आए. इसमें जडेजा ने ट्रेंट बोल्ट (6) का विकेट भी लिया. ईशांत शर्मा (नाबाद 10) ने आखिरी दो गेंदों पर एक चौका और एक छक्का मार दिल्ली को थोड़ा ऊपर पहुंचाया. चेन्नई के लिए दीपक चहर, हरभजन सिंह, रवींद्र जडेजा और ड्वेन ब्रावो ने दो-दो विकेट लिए. एक विकेट इमरान ताहिर को मिला.
चेन्नई सुपर किंग्स ने जीता टॉस
चेन्नई सुपर किंग्स ने टॉस जीतकर गेंदबाजी का फैसला किया है और दिल्ली कैपिटल्स को पहले बल्लेबाजी का न्योता दिया है. दिल्ली ने इस मैच के लिए अपनी अंतिम-11 में कोई बदलाव नहीं किया है. चेन्नई ने मुरली विजय के स्थान पर तेज गेंदबाज शार्दुल ठाकुर को मौका दिया है.
प्लेइंग इलेवन:-
चेन्नई सुपर किंग्स: फाफ डु प्लेसिस, शेन वॉटसन, सुरेश रैना, अंबति रायडू, एमएस धोनी, ड्वेन ब्रावो, रवींद्र जडेजा, हरभजन सिंह, दीपक चहर, शार्दुल ठाकुर, इमरान ताहिर.
दिल्ली: पृथ्वी शॉ, शिखर धवन, श्रेयस अय्यर, ऋषभ पंत, कॉलिन मुनरो, अक्षर पटेल, शेफरेन रदरफोर्ड, कीमो पॉल, अमित मिश्रा, ट्रेंट बोल्ट, ईशांत शर्मा.