राहुल कुमार गुप्त
राहुल और मोदी कल रात सपने में आये दोनों में गजब का याराना लग रहा था, खूब ठहाके-वहाके और हँसी-मजाक का दौर चल रहा था।
मोदी बोले पाँच साल मैं अभी और देश में तितर-बितर मचाऊंगा तब ही जाकर जनता की नज़रों में तुम प्रतिष्ठित हो पाओगे। अभी तो पप्पू की छवि ज्यादा है आमजन में। पाँच-दस साल में अब मैं वो-वो करूँगा की जनता फिर तुम्हारी ओर आस की निगाह से निहारेगी तभी तुम इस पप्पू की छवि से बाहर निकल पाओगे।
राहुल बोले, बात तो सही कह रहे हैं आप, इतने कार्टून बन गये हमारे की अब हमें और कोई कार्टून देखने की जरूरत नहीं पड़ती, इसी में बड़ा आनंद आता है। अगर कुछ नया रसास्वादन करना होता है तो केजरीवाल जी का भी कार्टून शो देख लेते हैं, वाकई मफलर वाले शो में आनंद में कुछ बढ़ोत्तरी हो जाती है।
पर अगला पीएम मुझे बनना है मफलर वाले को आगे कर के हमारे साथ गेम मत खेलना।
अरे! नहीं, राहुल बाबा, अगला पीएम तो हम आपको बनायेंगे।
राहुल बाबा झल्ला उठे- और बोले हम विपक्ष में रह कर आपका पूरा सपोर्ट कर रहे क्षेत्रीय दलों को भी चीं-पूं ज्यादा नहीं करने दे रहे।
और आप कह रहे हैं की आपको (मफलरवाले) को अगला पीएम बनायेंगे। आप जनता से जुमलेबाजी करिये हमसे न करिये!…
अरे! राहुल बाबा आप तो नाराज हो लिये, इसीलिये न सब पप्पू बुलाते आपको।
अरे भाई! आपको मतलब तुमसे राहुल गाँधी से है। अब सम्मान के लिये आप-जनाब से तो बात करनी पड़ेगी न।
राहुल बाबा– हाँ! ये आप वाले अपनी पार्टी का नाम ऐसे रख लिये हैं कि जहाँ भी सम्मान से आप-जनाब से बात होगी स्वतः बीच में आकर सारा मजा किरकिरा कर देते हैं।
मोदी जी-हाँ! ये तो है राहुल बाबा। इसीलिये मैं भौकाली भाषा का प्रयोग करता हूँ जिसमें ‘आप’ जनाब का बेफालतू में कोई एडवरटाईजमेंट न हो जाये।
ई बताओ जो तुम यूपी में अलग-थलग लड़ रहै हो उससे बुआ-बबुआ के गठबंधन का वोटवा तो तुम वोटकटवा बन कर काट रहे हो कि नहीं।
राहुल बाबा- हाँ! मोदी जी कई जगह हम बहुत बड़े वोटकटवा के रूप में हैं गठबंधन को जल्दी उभरने न देंगे। आपकी सीटें बढ़िया आ रही हैं। सिब्बल जी ने तो जनता को चेता ही दिया उधर ऊ मुलायम जी का लल्ला भी मुलायम पड़ गया औउर कहने लगा कि हम मोदी की राह नहीं रोक रहे। हहहहाहा…..
पर एक मजे की अऊर बात की बहिन जी तो आश्वस्त हो गयीं की पीएम बनेंगी! तभी तो बोल दीं फड़ाक से, की ऊ अम्बेडकर नगर से पीएम बनने के बाद चुनाव लड़ेंगी। राज्यसभा के बैकडोर से आने में शायद क्राॅस वोटिंग का भय न हो इसीलिये लोकसभा सीट लड़ने के लिये सीट भी फाईनल कर दीं।
मोदी जी- हाँ! ई दो बहिन जी से हमें भी कभी-कभार खतरा महसूस होने लगता है एक बंगाल की दीदी और एक यूपी की।
खैर, ये बताओ तुम्हें हमारे समर्थक इतना-बुरा भला कहते हैं तुम्हें ज्यादा बुरा तो नहीं लगता। लगता तो है, राहुल बोले, पर जब हमारे समर्थक आपको व आपकी टीम को बुरा-भला कहते हैं तो लगता है हिसाब-किताब बराबर हो गया।
देश की सारी राजनीति समस्त समस्याओं से इतर मात्र भक्त, चमचा और चौकीदार में आकर सिमट गयी है।
अच्छा ई बताईये मोदी जी, कि जब हम ‘चौकीदार………. चोर है’ बोलते हैं व उसका नारा बुलवाते हैं तब आपको तो ज्यादा बुरा नहीं लगता। अरे! नहीं राहुल बाबा, पहले जब अकेले मैं चौकीदार था तो बुरा लगता था, फिर ई गुजराती दिमाग में एक आईडिया आ गया कि लाओ ई जो करोड़ों में समर्थक हैं सबको चौकीदार लिखा दें तो तब से अब एक भी बुरा नहीं लगता। हहहहाहाहा……………..!!
अचानक घड़ी के अलार्म ने इस सौहार्द भरे सपने को तोड़ दिया। आज यहाँ मतदान भी था तो अलार्म पाँच बजे का ही लगा दिये थे कि तैयार होने में एक घंटा तो लग ही जायेगा फिर ठंडे-ठंडे मतदान देकर आ जायेंगे। मतलब ‘सपना चार बजे के आसपास का था।’