नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी के लिए सोमवार को पश्चिम बंगाल के तामलुक में चुनावी रैली की. इस दौरान उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि ममता दीदी ने फोनी तूफान पर भी राजनीति की है. उन्होंने मुझसे बात भी नहीं की. मैं फोनी तूफान के कारण हुई क्षति की समीक्षा बैठक करना चाहता था, लेकिन अहंकार से भरी हुई ममता बनर्जी ने बैठक से इनकार कर दिया.
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की स्पीड ब्रेकर दीदी ने इस चक्रवात में भी राजनीति करने की भरपूर कोशिश की है. चक्रवात के समय मैंने ममता दीदी से फोन पर बात करने की कोशिश की थी. लेकिन दीदी का अहंकार इतना ज्यादा है कि उन्होंने बात नहीं की.
पीएम मोदी ने ममता बनर्जी पर आरोप लगाते हुए कहा, मैं इंतजार करता रहा कि शायद दीदी वापस फोन करे, लेकिन उन्होंने फोन नहीं किया. मैं पश्चिम बंगाल के लोगों की चिंता में था इसलिए मैंने दोबारा फोन किया, लेकिन दीदी ने दूसरी बार भी बात नहीं की. उन्होंने कहा कि दीदी की इस राजनीति के बीच, मैं पश्चिम बंगाल के लोगों को फिर भरोसा देता हूं कि केंद्र सरकार पूरी शक्ति से पश्चिम बंगाल की जनता के साथ खड़ी है और राहत के काम में राज्य सरकार का हर तरह से सहयोग कर रही है.
पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं अभी ओडिशा में चक्रवात से हुए नुकसान का जायजा लेकर आया हूं. पश्चिम बंगाल में भी जो हालात बने हैं उससे मैं भी भलीभांति परिचित हूं. हम सभी इस मुश्किल घड़ी में आप सभी के साथ हैं. केंद्र सरकार पूरी मुस्तैदी से राहत और बचाव के काम में जुटी हुई है.’ पीएम मोदी ने कहा कि आजकल ममता दीदी इतनी परेशान हैं कि वह भगवान पर भी बात नहीं करना चाह रही हैं. यहां हालात ऐसे बन गए हैं कि जो लोग जय श्री राम की उद्घोष कर रहे हैं उन्हें गिरफ्तार करके जेल में डाला जा रहा है.
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल का बच्चा-बच्चा ट्रिपल T टैक्स से परिचित है. ये ट्रिपल T टैक्स है – तृणमूल तोलाबाजी टैक्स है. कॉलेज में एडमिशन हो, टीचर की भर्ती हो या ट्रांसफर हो. लोग बताते हैं कि सब जगह तृणमूल तोलाबाजी टैक्स लगता है. पीएम मोदी ने आगे कहा कि जगाई-मथाई, सिंडिकेट और ट्रिपल T, इस कल्चर को चुनौती देने वाला आज तक कोई नहीं था. इसलिए बंगाल की परंपरा और महान संस्कृति से खिलवाड़ करने की छूट इनको मिल गई, लेकिन अब ऐसा नहीं है. बीजेपी सामान्य जन, गरीब, किसान, कामगार, बेटियों और युवाओं की आवाज बनकर खड़ी है.