इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 12वें सीजन में चेन्नई और दिल्ली के मैच से चेन्नई की बादशाहत अंक तालिका में लौट आई है. बुधवार को चेन्नई की दिल्ली पर 80 रनों की बड़ी जीत से इस बात की संभावना बहुत बढ़ गई है कि वह प्लेऑफ में शीर्ष दो स्थानों में से एक पर कब्जा कर लेगी. अब यह मानकर चला जा सकता है टीम क्वालिफायर वन मैच जरूर खेलेगी. ऐसा न होने की संभावना बहुत ही ज्यादा कम है.
शीर्ष दो स्थान के लिए इन टीमों का मुकाबला
चेन्नई दिल्ली मैच के बाद अब चेन्नई 13 मैचों में +0.209 के नेट रनरेट के साथ 18 अंक हो गए हैं. वहीं दिल्ली के 13 मैचों में 16 ही अंक हैं और उसका नेट रनरेट -0.096 हो गया है. इसके बाद अगर चेन्नई पंजाब के खिलाफ अपना आखिरी मैच हारे और बुरी तरह से भी हारे, और दिल्ली राजस्थान के खिलाफ अपना मैच जीते और बड़े अंतर से जीते, तो ही दिल्ली पहले स्थान पर आ सकती है. यह सब एक साथ होना मुश्किल है. ऐसे में दिल्ली तो चेन्नई को पीछे खिसका पाएगी, इसकी उम्मीद कम ही है.
एक टीम और है जो चेन्नई को पीछे कर सकती है
चेन्नई के नीचे आने के लिए जरूरी है कि वह पंजाब से हारे. इसके बाद अगर मुंबई अपने अगले दो मैच, हैदराबाद और कोलकाता के खिलाफ मैच जीत लेती है तो वह चेन्नई को पहले स्थान से हटा देगी, भले ही चेन्नई की हार का अंतर कितना ही कम क्यों न हो क्योंकि मुंबई का नेट रनरेट +0.347 है जो कि चेन्नई से ज्यादा है. ऐसे में दूसरे स्थान के लिए दिल्ली को राजस्थान को बड़े अंतर से हराना होगा तब शायद वह चेन्नई को तीसरे स्थान पर धकेल पाए. फिर से यहां शर्त यही है कि ये सारी चीजें एक साथ हों.
हैदराबाद है आसान स्थिति में
चौथे स्थान पर अभी हैदराबाद है. उसे दो मैचों में एक जीत इस स्थान पर कायम रखेगी क्योंकि 14 अंकों के साथ कोई दूसरी टीम उसके +0.709 के नेट रनरेट को चुनौती देने की स्थिति में कतई नहीं हैं. उसे चुनौती देने का काम कोलकाता या पंजाब ही कर सकते हैं, लेकिन कोलकाता का नेट रनरेट +1.000 है तो पंजाब का नेट रनरेट -0.296 है जिसमें ये टीमें दो मैचों के साथ बहुत सुधार कर लें इसकी संभावना कम है.
तो क्या कोलकता और पंजाब की उम्मीदें खत्म?
ऐसे में सवाल यही है कि क्या कोलकाता और पंजाब के लिए संभावना खत्म हो गई हैं. नहीं ऐसा नहीं है. इन दोनों टीमों के लिए संभावनाएं तब प्रबल होंगी जब हैदराबाद अपने बचे बाकी मैच जो कि मुंबई और बेंगलुरू के खिलाफ होने हैं, हार जाए. इसके बाद कोलकाता और पंजाब के पास अपने बचे दो मैच जीतकर प्लेऑफ में पहुंचने की संभवानाएं बढ़ जाएंगी, लेकिन इसके लिए कोलकाता को मुंबई और पंजाब को हराना होगा. और वहीं पंजाब को चेन्नई और कोलकाता को हराना होगा. दोनों के बीच एक मैच होना है तो इसका मतलब यही हुआ कि दोनों टीमों के बीच नेट रनरेट की जंग नहीं होगी इतना तय है.
और राजस्थान और बेंगलुरू?
इन दोनों टीमों के बीच मंगलवार को मैच होना था, लेकिन बारिश की वजह से मैच धुलने की वजह से दोनों को एक-एक अंक मिला. इससे बेंगलुरू औपचारिक रूप से प्लेऑफ की दौड़ से बाहर हो गई वहीं राजस्थान का यह होना तय है बशर्ते हैदराबाद, कोलकाता और पंजाब सारे मैच हारें और कोलकता-पंजाब मैच में दोनों टीमें एक एक अंक बांटें. ऐसे में यह मानने में परेशानी नहीं होनी चाहिए कि राजस्थान भी प्लेऑफ की दौड़ से बाहर ही है भले ही वह अपने आखिरी मैच में दिल्ली को हरा भी दे.