नई दिल्ली। चक्रवात फानी ओडिशा-आंध्र प्रदेश जैसे तटवर्ती इलाकों के अलावा उत्तर प्रदेश में भी कहर ढा सकता है. मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है कि 2 और 3 मई को उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में फानी के कारण हल्की से मध्यम स्तर की बारिश हो सकती है, साथ ही तेज हवाएं चल सकती हैं. भारी बारिश के कारण खेतों में खड़ी फसल को नुकसान हो सकता है. दूसरी ओर फानी के मंगलवार मध्यरात्रि तक ‘बेहद तीव्र’ होने की आशंका है, जिस कारण ओडिशा, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल में गुरुवार तक भारी वर्षा हो सकती है.
मौसम विभाग की ओर से जारी चेतावनी में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में फानी चक्रवात के कारण 30 से 40 किमी प्रति घंटा की गति से तेज हवाएं चल सकती हैं, जिस कारण आद्रता में वृद्धि (80-90 फीसदी) होने की संभावना है. मौसम विभाग की ओर से किसानों को सलाह दी गई है कि किसान नमी और तेज हवा से फसल को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए कटी फसल, खुले में रखे अनाज और खेतों में तैयार खड़ी फसल को काटकर सुरक्षित रखने की व्यवस्था कर लें.
उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ रहा तूफान
फानी तूफान फिलहाल दक्षिण-पश्चिम में और बंगाल की खाड़ी से सटे दक्षिण-पश्चिम में है. मंगलवार शाम से लगभग 21 किमी प्रति घंटे की रफ्तार के साथ उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ रहा है.
मौसम विभाग के अनुसार, चक्रवात फानी प्रचंड तूफान में बदल गया है और इसके गुरुवार दोपहर (2 मई) तक यह गोपालपुर और चांदबाली के बीच ओडिशा तट को पार करेगा. मौसम विभाग ने ओडिशा, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्से के लिए चक्रवात फानी को लेकर अलर्ट जारी कर दिया और तटीय इलाके को खाली करने का सुझाव दिया है.
जारी चेतावनी में कहा गया है कि चक्रवात से घरों, संचार और बिजली नेटवर्क और रेल और सड़क मार्गों को नुकसान होने की संभावना है. साथ ही खड़ी फसलों, बागवानी और नारियल तथा ताड़ के पेड़ों को भी काफी नुकसान होगा. साथ ही जहाजों और बड़ी नौकाओं के लंगर भी टूट सकते हैं. आईएमडी ने मछुआरों को बंगाल की खाड़ी और हिंद महासागर के गहरे समुद्री क्षेत्रों में नहीं जाने की सलाह दी है. इन इलाकों में ऐतिहातन स्कूलों में छुट्टी कर दी गई हैं.
NDRF की कई टीमें तैनात
मौसम विभाग के चक्रवात चेतावनी विभाग की ओर से कहा गया है कि चक्रवात फानी दक्षिण पश्चिम और पश्चिम मध्य और दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी की ओर है. यह पुरी (ओडिशा) के 760 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम और विशाखापत्तनम (आंध्रप्रदेश) के 560 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपूर्व तथा त्रिणकोमली के 660 किलोमीटर उत्तर-उत्तरपूर्व (श्रीलंका) में है.
चक्रवात फानी के भारतीय पूर्वी तट की ओर बढ़ने पर भारतीय नौसेना और तटरक्षक बल के जहाज तथा हेलिकॉप्टर, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की राहत टीमों को महत्वपूर्ण स्थानों पर तैनात किया गया है जबकि सेना और वायु सेना की टुकड़ियों को तैयार रखा गया है. तूफान की भयावहता को देखते हुए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) आंध्र प्रदेश में 41 टीमों, ओडिशा में 28 और पश्चिम बंगाल में 5 टीमों को तैनात कर रहा है.