आसनसोल। पश्चिम बंगाल में चुनाव के दौरान जमकर हिंसा हो रही है. यहां पार्टी कार्यकर्ता अब तक एक दूसरे पर हमला करते रहे हैं, लेकिन अब टीएमसी कार्यकर्ताओं ने मीडिया को भी निशाना बनाना शुरू कर दिया है. सोमवार को मदतान के दौरान टीएमसी कार्यकर्ताओं ने आजतक की टीम पर हमला कर दिया. आजतक संवाददाता मनोज्ञा लोइवाल को टीएमसी कार्यकर्ताओं ने मारा. अब तक इस मामले में टीएमसी की ओर से कोई बयान नहीं आया है.
मनोज्ञा ने बताया कि जामुरिया में लगातार खबरें आ रही थी कि वहां टीएमसी और बीजेपी के कार्यकर्ताओं में झड़प हो रही है. वहां पोलिंग बूथ पर बीजेपी कार्यकर्ताओं को नहीं जाने दिया जा रहा था. बाबुल सुप्रियो जब वहां पहुंचे तो उनकी कार तक पहुंचकर आजतक ने भी उनसे बात करने की कोशिश की. बाबुल से सवाल-जवाब करने के बीच ही पीछे मौजूद टीएमसी समर्थक गाली-गलौच करने लगे. इसके बाद वे हाथापाई करने की कोशिश करने लगे. पत्थर भी फेंके गए. टारगेट करते हुए टीएमसी समर्थक पूछ रहे थे कि आपने किस उम्मीदवार से कितने पैसे लिए हैं. यहां सुबह से मीडिया को टारगेट किया जा रहा है.
मनोज्ञा ने बताया कि वे जब बाबुल से सवाल पूछ रही थीं, तभी पीछे तीन-चार टीएमसी समर्थक बदसलूकी करने लगे. अधिकतर का मुंह कपड़े से ढंका था. ये लोग धूप से बचने के लिए नहीं, बल्कि चेहरा छिपाने की नीयत से चेहरा ढंके हुए थे. मनोज्ञा ने बताया कि यहां जो भी टीएमसी का सच दिखाने की कोशिश कर रहा है, उस पर ही सवाल खड़ा कर दिया जा रहा है. उसे ही टारगेट करते हुए हाथापाई की जा रही है.
मनोज्ञा ने कहा कि अभी तक बीजेपी और टीएमसी कार्यकर्ता एक दूसरे से मारपीट कर रहे थे, लेकिन अब मीडिया को भी नहीं छोड़ा जा रहा है. मनोज्ञा ने कहा कि मुझे भी मारा गया और मेरे कैमरापर्सन तापस बेरी को भी मारा गया है. इसके बाद ये लोग मारने के लिए हम लोगों का पीछा भी करते रहे.
मनोज्ञा ने कहा कि बंगाल में ममता को मीडिया ने ही बनाया है. 2005-06 के दौरान नंदीग्राम हो या सिंगूर में 26 दिन चला ममता का आंदोलन, वे उस दौरान भी लगातार मौके से रिपोर्टिंग कर रही थीं. उस समय ममता सत्ता में नहीं थीं. लेकिन अब जब वे सत्ता में हैं तो जो सत्ता के खिलाफ सही खबरें दिखा रहा है उसे ही टीएमसी टारगेट कर रही है. उन पर आरोप लगाकर हमला किया जा रहा है.