इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में अब प्वाइंट टेबल की स्थिति तो साफ होने को है, लेकिन अब भी सभी टीमें मैदान में हैं. बुधवार को हुए मुकाबले में बेंगलुरू ने पंजाब को हरा कर खुद को प्लेऑफ की दौड़ में तो कायम रखा ही, उसने ने केवल पंजाब की मुश्किलें बढ़ा दी, बल्कि खुद के लिए भी कुछ दिक्कतें पैदा कर दी है. गौर से देखा जाए तो हकीकत में विराट कोहली अब प्लेऑफ से दूर होती जा रहे हैं. इस मैच में उनके पास मौका था जो उन्होंने गंवा दिया.
क्यों प्लेऑफ में जाने की बढ़ रही है दूरी
पहले छह मैचों में लगातार हार और फिलहाल 7 मैचों में हार के बाद अब बेंगलुरू के लिए हर मैच जीतना जरूरी थी. हर मैच में जीत की दरकार उसकी सातवीं हार के बाद से जारी है, लेकिन उसके बाद उसने तीन लगातार मैच जीते भी हैं. इसे इस तरह समझना आसान होगा कि सारे मैचों के बाद जब प्लेऑफ में जाने का फासाल होगा, तब विराट के पास 14 मैचों में कम से कम 7 मैच में जीत होना जरूरी है. यानि कि 14 अंक. इतना होने पर वे प्लेऑफ की दौड़ में तो रहेगी, लेकिन फैसला नेट रनरेट से होगा जिसमें वह अब भी सारी टीमों के मुकाबले सबसे पीछे है.
क्या वाकई गहरी है नेट रनरेट की समस्या
विराट को अब अपने बाकी तीन मैच जीतने ही नहीं हैं, बल्कि उन जीत के साथ उन्हें अपना नेट रनरेट सुधारना होगा. उसे दिल्ली, राजस्थान और हैदराबाद के खिलाफ मैच खेलना है. ये टीमें कमजोर टीमें नहीं हैं ऐसे में विराट के पास इन टीमों से बड़े अंतर से जीत हासिल करना बहुत मुश्किल हो सकता है. अभी टीम के नेट रन रेट -0.683 है. उसका प्लेऑफ के लिए मुकाबला कोलकाता, पंजाब और हैदराबाद से ही है. राजस्थान के खिलाफ तो केवल जीत ही राजस्थान को मुकाबले से बाहर कर देगी.
कितनी गंभीर है समस्या विराट की
पंजाब को अब तीन में से दो जीतों की जरूरत है, नेट रन रेट में ज्यादा बदलाव न हुआ तो उसे बेंगलुरू, राजस्थान और कोलकाता को पीछे छोड़ कर प्लेऑफ में जगह बनाने के लिए केवल हैदराबाद से मुकाबला करना पड़ सकता है. इसके अलावा कोलकाता की डगर भले ही आसान लगे पर है नहीं. अभी वह आठ अंकों के साथ छठे स्थान पर हैं. सारे मैच जीतने पर उसके 16 अंक हो जाएंगे, लेकिन यह भी आसान नहीं है. मुंबई उसका खेल बिगाड़ सकती है जिससे के साथ अभी उसके दो मैच है. विराट को कोलकाता पर बारीक निगाह रखनी पड़ सकती है.
तो क्या मौका गंवाया विराट ने
विराट को असली चुनौती हैदराबाद, या मुंबई से भी हो सकती है. अगर इन टीमों का भी मुकाबला बेंगलुरू से हुआ तो टीम प्लेऑफ में शायद ही पहुंच सके क्योंकि इन टीमों का नेट रनरेट बेंगलुरू से काफी ज्यादा है. अगर विराट कोहली इस पंजाब के खिलाफ 17 रनों के बजाए ज्यादा अंतर से जीत पाते तो उनके नेट रनरेट में सुधार हो जाता जो बाद में उनकी मदद करता. पर टीम ऐसा कर न सकी.
उठापटक तो बहुत होगी, लेकिन विराट की जरूरत वहीं रहेगी
पंजाब और कोलकाता का गणित बताता है कि अब भी उठापटक की बहुत गुंजाइश है. विराट की निगाहें नंबर चार के स्थान पर तो हैं, लेकिन उनका मुकाबला किससे और कितनी टीमों से हैं यह वे तय करने की स्थिति में नहीं है. इस मामले में काफी अगर मगर हैं, लेकिन इतना तय है कि अगर विराट ने अपने नेट रनरेट में सुधार नहीं किया तो जो शंका उनकी टीम की सातवीं हार के बाद उठी थी वह सच न हो जाए.