लखनऊ। लोकसभा चुनाव के बीच उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बाहुबली अतीक अहमद को प्रयागराज सेंट्रल जेल में ट्रांसफर करने का फैसला किया है. अतीक अहमद फिलहाल बरेली जेल में कैद है और माना जा रहा है कि 23 अप्रैल को यहां होने वाले तीसरे चरण के मतदान को देखते हुए यह फैसला लिया गया है. इस साल की शुरुआत में अतीक अहमद को देवरिया जेल से बरेली लाया गया था.
जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने चुनाव आयोग से अतीक के जेल ट्रांसफर से संबंधी इजाजत मांगी थी. लोकसभा चुनाव की वजह से यूपी के साथ पूरे देश में आचार संहिता लागू है और ऐसे में कोई भी प्राशसनिक कदम उठाने से पहले आयोग की सलाह जरूर ली जाती है. हालांकि मुश्किल यह है कि अतीक खुद पूर्वांचल क्षेत्र से आता है और ऐसे में प्रयागराज की जेल में अतीक को रखने के लिए प्रशासन को ज्यादा सतर्कता बरतनी पड़ेगी.
बरेली लोकसभा सीट पर तीसरे चरण में मतदाना होना है और ऐसे में इलाके में कानून व्यवस्था कायम रखना प्रशासन की पहली जिम्मेदारी है. अतीक को नैनी स्थित प्रयागराज की सेंट्रल जेल में ट्रांसफर किया जाएगा, जहां छठे चरण में 12 मई को वोटिंग होनी है. जेल में रहने के दौरान भी अतीक के पास से कई बार मोबाइल फोन बरामद हो चुके हैं और वह जेल में बैठकर भी बाहर आपराधिक वारदातों को अंजाम दे चुका है.
देवरिया जेल में बंद होने के दौरान अतीक के पास से मोबाइल और सिम मिले थे. अतीक अपने विरोधी अपराधियों से जेल में हिंसक झड़पों के लिए भी बदनाम है. प्रशासन के लिए अतीक जैसे अपारधियों को जेल में रखना भी किसी चुनौती से कम नहीं है. उस पर जेल के भीतर भी सिंडिकेट तैयार करने के आरोप लगे हैं और वह अंदर अपराध की साजिश रचता रहता है.
कौन है अतीक अहमद
अतीक अहमद का जन्म 10 अगस्त 1962 को हुआ था. मूलत वह उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जनपद के रहने वाले हैं. पढ़ाई लिखाई में उनकी कोई खास रूचि नहीं थी. इसलिये उन्होंने हाई स्कूल में फेल हो जाने के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी. कई माफियाओं की तरह ही अतीक अहमद ने भी जुर्म की दुनिया से सियासत की दुनिया का रुख किया था. पूर्वांचल और इलाहाबाद में सरकारी ठेकेदारी, खनन और उगाही के कई मामलों में उनका नाम आया. अतीक अहमद के खिलाफ उत्तर प्रदेश के लखनऊ, कौशाम्बी, चित्रकूट, इलाहाबाद ही नहीं बल्कि बिहार राज्य में भी हत्या, अपहरण, जबरन वसूली आदि के मामले दर्ज हैं. अतीक के खिलाफ सबसे ज्यादा मामले इलाहाबाद जिले में ही दर्ज हुए.
साल 2004 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने अतीक को फूलपुर संसदीय क्षेत्र से टिकट दिया और वह सांसद बन गए. उत्तर प्रदेश की सत्ता मई, 2007 में मायावती के हाथ आ गई. अतीक अहमद के हौसले पस्त होने लगे. उनके खिलाफ एक के बाद एक मुकदमे दर्ज हो रहे थे. इसी दौरान अतीक अहमद भूमिगत हो गए थे.