नई दिल्ली। प्रियंका चतुर्वेदी ने शुक्रवार को सभी को चौंकाते हुए कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया और कुछ ही देर में शिवसेना भी ज्वाइन कर ली. शिवसेना में शामिल होने पर पार्टी सुप्रीमो उद्धव ठाकरे ने कहा कि पार्टी को नई बहन मिल गई है. करीब एक दशक तक कांग्रेस में रहने वाली प्रियंका ने अचानक यह फैसला क्यों लिया. हम आपको इस फैसले के पीछे के असल कहानी बताने जा रहे हैं.
लोकसभा चुनाव के दौर में चर्चित प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी का अचानक इस्तीफा देना कांग्रेस के लिए बड़े झटके जैसा है क्योंकि मुंबई में 28 अप्रैल को मतदान होना है. प्रियंका कांग्रेस में प्रवक्ता जैसे अहम पद पर थीं और उनका युवाओं के साथ-साथ सोशल मीडिया में खासा प्रभाव है.
मथुरा में अभद्र व्यवहार
प्रियंका चतुर्वेदी के बारे में कहा जा रहा है कि मथुरा में कार्यकर्ताओं के उनके साथ अभद्र व्यवहार के लिए वह कांग्रेस से बेहद खफा थीं, लेकिन पार्टी छोड़ने के पीछे इसे अहम कारण करार नहीं दिया जा सकता, तो क्या वह मुंबई नॉर्थ से लोकसभा टिकट नहीं दिए जाने से कांग्रेस से नाराज थीं, सच्चाई क्या है इसके बारे में जानने की कोशिश करते हैं.
हाल ही में प्रियंका चतुर्वेदी ने राफेल डील पर मथुरा में प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी, इस दौरान कई कांग्रेसी नेता भी वहां पर मौजूद थे. हालांकि प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मथुरा के कई कांग्रेसी नेताओं ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया. इस घटना के बाद वह बेहद डरी हुई थीं.
दुर्व्यवहार की इस घटना के बाद प्रियंका चतुर्वेदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस छोड़ दी, लेकिन स्थानीय नेता उनका पीछा करते हुए उनके कमरे तक पहुंच गए. इसके बाद प्रियंका ने पार्टी के शीर्ष नेताओं से इस घटना की शिकायत करने का फैसला लिया. प्रियंका चतुर्वेदी के साथ दुर्व्यवहार करने वाले मथुरा के कांग्रेसी नेताओं में अशोक चकलेश्वर, उमेश पंडित, प्रताप सिंह, अब्दुल जब्बार, गिरधारी लाल पाठक, भूरी सिंह जायस, प्रवीण ठाकुर और यतींद्र मुकदम शामिल थे. प्रियंका की शिकायत के बाद इन 8 नेताओं को तत्काल प्रभाव से पार्टी से निलंबित कर दिया गया.
निलंबन के बाद वापसी
हालांकि 15 अप्रैल को सख्त हिदायत के साथ सभी आठों निलंबित नेताओं की कांग्रेस में वापसी हो गई. इन नेताओं ने लिखित में माफी मांगी. वरिष्ठ नेता और पश्चिमी यूपी में कांग्रेस प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस मामले में हस्तक्षेप किया. पार्टी में 8 नेताओं की वापसी के बाद प्रियंका बेहद दुखी हो गईं. इस पर उन्होंने ट्विटर पर अपनी निराशा जाहिर की.
सूत्र बताते हैं कि इस बीच प्रियंका और शिवसेना के शीर्ष नेताओं के बीच बातचीत शुरू हो गई थी. इस मामले में शिवसेना के चंद शीर्ष नेताओं को जानकारी थी. पार्टी के अन्य नेताओं को प्रियंका चतुर्वेदी के कांग्रेस छोड़ने और शिवसेना में शामिल होने की खबर उनकी पीसी के दौरान मिली.
प्रियंका चतुर्वेदी युवाओं के बीच बेहद लोकप्रिय हैं, कांग्रेस में अपने 10 साल के कार्यकाल के दौरान वह बेहद चर्चित रहीं और सोशल मीडिया में बड़ी संख्या उनके फॉलोअर्स बने.
दूसरी ओर, कांग्रेस से जुड़े सूत्र प्रियंका के बारे में कुछ दूसरी ही कहानी बताते हैं. चुनाव से पहले मुंबई कांग्रेस में काफी मतभेद बने हुए थे. मुंबई के कई बड़े नेता आपस में ही उलझे हुए थे, जिसमें कुछ चुनाव लड़ना भी नहीं चाहते थे.
टिकट नहीं मिलने से नाराजगी
इस बीच प्रियंका ने लोकसभा चुनाव में मुंबई नॉर्थ सीट पर कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने के बारे में सोचा, लेकिन फिल्म अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर को यहां से टिकट दे दिया गया जिससे वह बेहद नाराज हो गईं. सूत्रों के अनुसार उन्होंने पार्टी छोड़ने का मन बना लिया और शिवसेना के नेतृत्व से बातचीत शुरू कर दी.
सूत्र बताते हैं कि शिवसेना प्रियंका चतुर्वेदी को विधानसभा चुनाव के दौरान टिकट देने को राजी हो गई है. महाराष्ट्र में 6 महीने बाद ही विधानसभा चुनाव होने हैं.
प्रियंका चतुर्वेदी ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि उन्होंने कांग्रेस छोड़ दिया है और शिवसेना में शामिल हो गई हैं. अब वह वहां अपनी महत्वाकांक्षा को आगे बढ़ा सकती हैं. उन्होंने कहा, ‘मुझे उम्मीद थी कि पार्टी (कांग्रेस) मुझे अगले लेवल तक ले जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.’