नई दिल्ली। गुजरात के युवा नेता और हाल में कांग्रेस में शामिल हुए हार्दिक पटेल को आज एक जनसभा के दौरान थप्पड़ मारा गया। हार्दिक शुक्रवार को गुजरात की सुरेंद्र नगर लोक सभा सीट के लिए एक रैली में चुनाव प्रचार कर रहे थे। इसी दौरान भीड़ से निकल कर एक शख्स उनके पास आया और उन्हें एक जोरदार थप्पड़ मार दिया। इसके बाद भीड़ में शामिल समर्थकों ने तुरंत उस शख्स को पकड़ा और पिटाई भी की। बाद में उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया। मंच पर और रैली में नेताओं को थप्पड़ मारने की घटना नई नहीं है।
नेताओं को थप्पड़ मारे जाने का सिलसिला पुराना है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से लेकर प्रशांत भूषण और शरद पवार जैसे राजनीतिज्ञ भी थप्पड़ कांड का शिकार हो चुके हैं। इस मामले में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की किस्मत सबसे खराब रही है। उनको एक ऑटो ड्राइवर ने थप्पड़ मार दिया था। इतना ही नहीं केजरीवाल पर दो बार जूते चल चुके हैं और कालिख भी फेंकी गई है।
केजरीवाल को ऑटो ड्राइवर ने मारा था थप्पड़
अरविंद केजरीवाल को चुनाव प्रचार के दौरान एक व्यक्ति ने थप्पड़ मार दिया था। यह मामला 2014 का है। जब लोकसभा चुनावों के लिए केजरीवाल दिल्ली में रोड शो कर रहे थे चब एक ऑटो ड्राइवर ने थप्पड़ मार दिया था। केजरीवाल को थप्पड़ मारने वाला व्यक्ति अपने हाथ में एक माला लिए हुए था। उसने जीप पर सवार होकर पहले केजरीवाल को माला पहनाई और फिर थप्पड़ मार दिया।
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शरद पवार को जड़ा था थप्पड़
शरद पवार को एक युवक ने चांटा मार दिया था। यह मामला 2011 का है जब शरद पवार केंद्रीय कृषि मंत्री थे। पवार के गाल पर थप्पड़ उस वक्त पड़ा जब वो इफको के एक साहित्यिक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद बाहर निकलते हुए पत्रकारों से बात कर रहे थे। हमला होते ही मीडियार्मियों ने युवक को पवार से दूर धकेला और उसके बाद कृषि मंत्री वहां से निकल गए थे। संसद मार्ग पर मौजूद ऑडिटोरियम के निजी सुरक्षाकर्मियों ने युवक को पकड़ लिया था। युवक की पहचान हरविंदर सिंह के रूप में हुई है जो दिल्ली का एक ट्रांसपोर्टर था। बाद में उसने पत्रकारों से कहा था, “मैं योजना बना कर कृषि मंत्री को थप्पड़ मारने ही यहां आया था। ये सारे भ्रष्ट हैं।”
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कोर्ट चेंबर में घुसकर प्रशांत भूषण से 3 युवकों ने की थी मारपीट
साल 2011 में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण से कुछ लोगों ने उनके सुप्रीम कोर्ट स्थित चेंबर में घुसकर मारपीट की थी। इसके बाद प्रशांत भूषण को राम मनोहर लोहिया अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया था। हमला करने वाले तीन युवकों में दो मौके से फरार हो गए थे जबकि एक युवक को गिरफ्तार कर लिया गया था।
बता दें कि केवल नेताओं को ही नहीं थप्पड़ मारे गए हैं। कई बार नेताओं ने भी सार्वजनिक मंचों पर कार्यकर्ताओं, अधिकारियों, कर्मचारियों को भी थप्पड़ मारा है।