नई दिल्ली। भोपाल से बीजेपी उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने गुरुवार को अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. संबोधन के दौरान प्रज्ञा उस समय भावुक हो गईं जिस समय वह अपने जेल की यातनाओं को पार्टी कार्यकर्ताओं को बता रही थीं. उन्होंने जेल में यातनाओं को याद करते हुए बताया कि, उन्हें 24 दिन तक लगातार जेल में पीटा गया. पीटने के दौरान उन्हें गाली दी जाती थी. प्रज्ञा ने बताया कि, उन्हें बेल्ट से पीटते थे जिससे उनका शरीर सुन्न पड़ जाता था. गुनाह कबूल करवाने के लिए हमें उल्टा लटका दिया जाता था. निर्वस्त्र करने की धमकी दी जाती थी.
प्रज्ञा ने आगे बताया कि, उन्हें इतना पीटा गया कि करवट लेने भी दिक्कत होती थी. शरीर पर जो घाव के निशान पड़े थे उस पर नमक छिड़का जाता था. पुलिस मुझे मारने की तरह-तरह की साजिश करती थी. पुलिस तब तक पट्टे से पीटती थी जब तक शरीर से खून न निकलने लगे. इसके बाद इसी घाव पर नमक छिड़क दिया जाता था.
साध्वी प्रज्ञा: मालेगांव धमाकों से लेकर भोपाल से उम्मीदवारी तक का सफर
मालेगांव बम धमाकों में नाम आने के बाद लोगों की नजर में आईं साध्वी प्रज्ञा ठाकुर बुधवार को एक फिर उस समय चर्चाओं का केंद्र बन गईं जब भाजपा ने मध्य प्रदेश की प्रतिष्ठित भोपाल संसदीय सीट से उन्हें अपना प्रत्याशी बनाने का ऐलान किया. भगवा कपड़े पहनने वाली ठाकुर (48) को उनके कटे हुये बालों और गले में पड़ी रूद्राक्ष की माला से सहज ही पहचाना जा सकता है. वह दक्षिणपंथी अतिवाद का उस समय चेहरा बन कर उभरीं जब महाराष्ट्र के आतंकवाद विरोधी दस्ते ने साल 2008 में उन्हें मालेगांव बम धमाके मामले में हथकड़ियां पहना दीं थीं. इस बहुचर्चित मामले में वह इन दिनों जमानत पर चल रही है.
2008 को मालेगांव में हुये धमाकों में छह लोगों की मौत हो गई थी
27 दिसम्बर, 2017 में एनआईए अदालत ने उनके खिलाफ सख्त मकोका कानून (महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ आर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट) के तहत लगे आरोपों को हटा दिया था.इस धमाके के मामले में साध्वी के अलावा कर्नल प्रसाद पुरोहित, समीर कुलकर्णी और अन्य आरोपियों को भी राहत दे दी गई थी. 29 सितम्बर, 2008 को मालेगांव में हुये धमाकों में छह लोगों की मौत हो गई थी और 101 जख्मी हो गये थे.
प्रज्ञा का मुकाबला कांग्रेसी दिग्गज और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से होगा.
इस घटना में एक मोटरसाइकिल पर विस्फोटक बांध कर धमाका किया गया था. इतिहास में एम ए ठाकुर का जन्म मध्य प्रदेश के भिंड जिले में हुआ था और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से उनका लंबा नाता रहा है.उन्होंने संघ की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और विश्व हिंदू परिषद की महिला शाखा दुर्गा वाहिनी में भी काम किया है. अब भाजपा ने उन्हें भोपाल संसदीय सीट से प्रत्याशी घोषित कर दिया है जहां उनका मुकाबला कांग्रेसी दिग्गज और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से होगा.
भोपाल में करीब 18 लाख मतदाता हैं और इनमें से साढ़े चार लाख मतदाता मुसलमान है. पार्टी सूत्रों ने कहा कि ठाकुर की आरएसएस के झुकाव वाली छवि को देखते हुये कांग्रेस नेता के खिलाफ कट्टर हिंदुत्व वाली नेता को उतारा गया है. बीते साल हुये विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने भोपाल लोकसभा की आठ विधानसभा सीटों में से तीन पर कब्जा कर लिया था जबकि बाकी पांच पर भाजपा ने जीत हासिल की थीं.
मैं धर्म युद्ध के लिए तैयार हूं: प्रजा
जब ठाकुर के संभावित भाजपा उम्मीदवार के रूप में चर्चा होने लगी तो बीते महीने पीटीआई-भाषा से एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा था, ‘‘मैं धर्म युद्ध के लिए तैयार हूं.’’ उन्होंने कहा था, ‘‘मैं दिग्विजय सिंह से भिड़ने के लिए तैयार हूं अगर संगठन मुझसे ऐसा करने के लिए कहता है.’’ उन्होंने राज्य के इस पूर्व मुख्यमंत्री को ऐसे हिंदू विरोधी नेता की संज्ञा दी जो हिंदुओ को आतंकवादी बताता है. अप्रैल, 2017 में बॉम्बे हाईकोर्ट ने ठाकुर को जमानत दे दी थी.एटीएस ने कहा था कि बम धमाके मामले में वह मुख्य अभियुक्त थीं.