आईसीसी वर्ल्ड कप के चुनी गई टीम इंडिया के लिए अंबाती रायडू का न चुना जाना काफी हैरान करने वाला रहा. दरअसल, रायडू को टीम इंडिया की एक प्रमुख समस्या, नियमित नंबर 4 बल्लेबाज की कमी को पूरा करने के लिए पिछले कुछ समय से मौके दिए जा रहे थे. बीच में कप्तान विराट कोहली भी कह चुके थे कि नंबर चार की समस्या हल हो गई है, लेकिन हाल ही में रायडू का प्रदर्शन अपेक्षानुरूप नहीं रहा और वे वर्ल्ड कप टीम से बाहर हो गए. रायडू की यह कहानी हैदराबाद के ही पूर्व बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण की कहानी से भी मिलती जुलती है.
क्या इतिहास ने खुद को यहां भी दोहराया है?
इतिहास अपने को दोहराता है और क्रिकेट भी इसका अपवाद नहीं है. कम से कम रायडू और लक्ष्मण के मामले में तो ऐसा ही लगता है. सोलह साल पहले जिन परिस्थितियों में लक्ष्मण विश्व कप 2003 की टीम में नहीं आ पाए थे लगभग वैसी ही कहानी दूसरे बल्लेबाज अंबाती रायडू के साथ दोहराई गई है. यह एक संयोग ही है कि दोनों ही खिलाड़ी हैदराबाद के हैं.
लक्ष्मण के साथ थी नंबर तीन का स्थान
तीसरे नंबर के बल्लेबाज के रूप में लक्ष्मण का 2003 में विश्व कप टीम में स्थान पक्का माना जा रहा था. लेकिन टीम चयन से चंद महीने पहले न्यूजीलैंड दौरे में खराब प्रदर्शन के कारण उन्हें विश्व कप टीम में जगह नहीं मिल पाई. चयनकर्ताओं ने तब लक्ष्मण की जगह दिनेश मोंगिया को लिया था. मोंगिया के चयन का आधार यही था कि वह खेल की तीनों विधाओं बल्लेबाजी, गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण में थोड़ा थोड़ा योगदान दे सकते थे, जबकि लक्ष्मण विशुद्ध बल्लेबाज थे.
रायडू भी चूके अपनी जगह से
रायडू अपने करियर में शुरू से नंबर तीन या चार पर खेलते रहे हैं. पिछले साल अक्टूबर से उन्हें नियमित तौर पर नंबर चार पर उतारा गया. लेकिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन मैचों में नाकामी के बाद उन्हें बाहर कर दिया गया और अब लगता है कि 33 वर्षीय रायडू का हैदराबाद के अपने सीनियर लक्ष्मण की तरह विश्व कप खेलने का सपना कभी पूरा नहीं हो पाएगा.
रायडू की जगह इस ‘न्यूकमर’ को दी गई तरजीह
रायडू की जगह चुने गये विजय शंकर ने इसी साल एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया और अब तक केवल नौ मैच खेले हैं. चयन समिति के अध्यक्ष एमएसके प्रसाद ने शंकर के चयन पर ‘त्रिआयामी’ शब्द का उपयोग किया, क्योंकि वह तीनों विधाओं में योगदान दे सकते हैं. रायडू विशुद्ध बल्लेबाज हैं.
लक्ष्मण ने बताया अभी की टीम को संतुलित
लक्ष्मण ने विश्व कप 2019 की टीम को लेकर कहा कि ‘यह संतुलित टीम है और भारत विश्व कप का प्रबल दावेदार है.’ हालांकि, टीम चयन से पहले उन्होंने खुद की 15 सदस्यीय टीम चुनी थी जिसमें रायडू को जगह दी थी. स्वाभाविक है कि रायडू को बाहर करने से वे निराश होंगे.
यह कहा था लक्ष्मण ने टीम से बाहर होने पर
लक्ष्मण को जब विश्व कप की टीम से बाहर किया गया था, तो उन्होंने तब कहा था, ‘ यह मेरे करियर का सबसे हताशाजनक क्षण था. मैंने विश्व कप के लिये कड़ी मेहनत की थी. पिछले साल (2002 में) वेस्टइंडीज सीरीज में मैंने सबसे अधिक रन (312) बनाए थे और इसके बाद इस तरह से टीम से बाहर किया जाना बेहद करारा झटका था. यह निराशा हमेशा बनी रहेगी. इस खबर को पचाने में मुझे थोड़ा समय लगा.’
रायडू ने दी ऐसे प्रतिक्रिया
रायडू ने भी अपनी निराशा व्यक्त की और उन्होंने ‘त्रिआयामी’ शब्द का उपयोग व्यंग्यात्मक लहजे में करके चयनकर्ताओं पर तंज कसा. रायडू ने ट्वीट किया, ‘विश्व कप देखने के लिये त्रिआयामी (3डी) चश्मे का आर्डर कर दिया है.’ रायडू के इस ट्वीट को रिट्वीट करते हुए प्रज्ञान ओझा ने लिखा था, ‘हैदराबादी क्रिकेटरों का दिलचस्प मामला… ऐसी स्थिति में रह चुका हूं. निराशा समझ सकता हूं.’ रायडू ने आस्ट्रेलियाई सीरीज से पहले न्यूजीलैंड के खिलाफ आखिरी मैच में 90 रन बनाए थे. आस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन मैचों में वह 33 रन ही बना पाए और आखिर में ये तीन पारियां उनका विश्व कप में खेलने का सपना चकनाचूर कर गई.
न्यूजीलैंड कनेक्शन भी रहा कॉमन
दिलचस्प बात यह थी कि 2002—03 में न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले तीन वनडे में लक्ष्मण खेले थे जिनमें उन्होंने 9, 20 और 10 रन की पारियां खेली थी. इसके बाद तीन वनडे में उनकी जगह मोंगिया उतारे गए जिसमें वह 12, दो और शून्य का स्कोर ही बना पाए थे. इसके बावजूद मोंगिया को विश्व कप टीम में चुना गया जिसमें उन्होंने 11 मैच की छह पारियों में 20 की औसत से 120 रन बनाए थे. उन्होंने पांच विकेट लिये थे. मोंगिया इसके बाद ज्यादा दिनों तक टीम में नहीं रहे और लक्ष्मण ने वापसी पर आस्ट्रेलिया के खिलाफ चेन्नई में 102 रन बनाए थे.