नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने अपना संकल्प पत्र जारी कर दिया है. भाजपा कार्यालय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह, संकल्प पत्र समिति के प्रमुख राजनाथ सिंह ने विजन डॉक्यूमेंट जारी किया. इस बार भाजपा का मंच 2014 के मुकाबले पूरा बदल चुका था, मंच पर ना इस बार वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी दिखे और ना ही मुरली मनोहर जोशी. और ना सिर्फ मंच बल्कि बीते पांच साल में भाजपा के संकल्प पत्र में भी पूरी तरह से बदलाव दिखा.
मंच पर कौन-कौन था मौजूद…?
सोमवार को बीजेपी मुख्यालय संकल्प पत्र जारी करते वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, वित्त मंत्री अरुण जेटली, संगठन मंत्री रामलाल और केंद्रीय मंत्री थावर चंद गहलोत मौजूद थे. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को भी कार्यक्रम में शामिल होना था, लेकिन अपने क्षेत्र में प्रचार करने की वजह से वह शामिल नहीं हो सके थे.
2014 से कितना बदला मंच…?
अगर पांच साल पहले का मंच देखें तो तब घोषणा पत्र जारी करते वक्त लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, रविशंकर प्रसाद, जेपी नड्डा भी मौजूद थे. जो कि इस बार नज़र नहीं आए.
मंच के साथ-साथ कवर भी बदल गया
इस बार भारतीय जनता पार्टी के संकल्प पत्र का कवर सिर्फ और सिर्फ नरेंद्र मोदी से भरा है. यानी संकल्प पत्र पर सिर्फ प्रधानमंत्री की तस्वीर है, जाहिर है कि भाजपा नरेंद्र मोदी के नाम पर ही चुनाव में जा रही है. भाजपा के संकल्प पत्र के इस कवर पेज को कांग्रेस ने भी एक मुद्दा बनाया है. हालांकि, संकल्प पत्र के सबसे पिछले पेज पर श्यामा प्रसाद मुखर्जी, दीनदयाल उपाध्याय और अटल बिहारी वाजपेयी की तस्वीर है.
पिछली बार कैसा था कवर पेज
अगर भाजपा के 2014 के मेनिफेस्टो को देखें तो उसमें तबका पूरा नेतृत्व शामिल था. जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, राजनाथ सिंह (तब के अध्यक्ष) सबसे ऊपर और उसके बाद नरेंद्र मोदी (प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार), अरुण जेटली, सुषमा स्वराज, शिवराज सिंह चौहान, वसुंधरा राजे, मुरली मनोहर जोशी और रमन सिंह की तस्वीर शामिल थी.
जाहिर है कि तब भाजपा ने तबके भाजपा शासित मुख्यमंत्रियों का शामिल किया था. हालांकि, इस बार इनमें से किसी की तस्वीर शामिल नहीं है. अटल बिहारी वाजपेयी और मनोहर पर्रिकर अब इस दुनिया में नहीं हैं, जबकि शिवराज-रमन-वसुंधरा राजे अब मुख्यमंत्री पद पर नहीं हैं.
गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी ने इस बार लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी समेत पार्टी के 75+ वाले नेताओं को टिकट नहीं दिया है. इसी वजह से आडवाणी, जोशी जैसे वरिष्ठ नेता पार्टी से नाराज़ बताए जा रहे थे. अमित शाह आज शाम को ही दोनों नेताओं से मुलाकात करेंगे.