राजस्थान और कोलकाता के बीच इस साल के आईपीएल के मैच से पहले लग रहा थी इस मैच में कांटे का मुकाबला होगा. फैंस देखना चाह रहे थे कैसे जोस बटलर गेंदबाजों की धुनाई करते हैं और यह भी की राजस्थान के गेंदबाज कैसे कोलकाता के आंद्रे रसल को रोक पाते हैं. इस मैच में फैंस को रोमांच तो देखने को मिला लेकिन उम्मीद के मुताबिक नहीं. इस मैच में किसी को भी उम्मीद न थी कि कोलकाता मैच जीतेगा और वह भी इस तरह के नतीजे के साथ. मैच में सबसे खास बात रही कि कोलकाता के स्पिनर्स ने जोस बटलर को बांध कर रखा और राजस्थान बड़ा स्कोर खड़ा न कर सका.
टॉस जीतकर इसलिए लिया गेंदबाजी का फैसला
टॉस जीतकर कोलकाता के कप्तान दिनेश कार्तिक ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया. कार्तिक ने अच्छे से जानते थे कि यह राजस्थान की घरेलू पिच है और उसके बल्लेबाज कोलकाता के गेंदबाजों की नाक में दम कर सकते हैं. कार्तिक ने पिच को पढ़ा और ओस की संभावनाओं को भांपते हुए यही ठीक समझा की बाद में गेंदबाजी करना मुश्किल हो सकता है.
धीमी शुरूआत के बाद बटलर ने जगाई उम्मीद
पहला ओवर पीयूष चावला ने फेंका जिसमें अजिंक्य रहाणे केवल 5 रन बटोर सके. इसके अगले ओवर की पहली ही गेंद पर प्रसिद्ध कृष्णा ने रहाणे को एलबीडब्ल्यू कर चलता कर दिया. कृष्णा के ओवर में इसके बाद स्टीव स्मिथ और जोस बटलर केवल एक ही रन ले सके. तीसरे ओवर में बटलर ने चावला को एक चौका लगाया और तीन ओवर तक राजस्थान केवल 12 रन ही बोर्ड पर लगा सका. चौथे ओवर में प्रसिद्ध की गेंदों पर बटलर ने दो चौके लगाए और चार ओवर कर 23 स्कोर होने पर लगा कि बटलर अब रंग में आ गए हैं.
चावला और नरेन ने नहीं किया निराश
पांचवें ओवर में चावला ने केवल दो रन दिए बटलर और स्मिथ खुल कर शॉट न खेल सके. छठे ओवर में कार्तिक ने अपने तुरूप के पत्ते सुनील नरेन को लगाया. नरेन ने भी अपने कप्तान की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए केवल तीन रन दिए. इस तरह से पहली बार इस सीजन में राजस्थान ने पावर प्ले में सबसे कम स्कोर करते हुए केवल 28 रन बनाए.
बटलर अपने रंग में आ नहीं सके
इसके बाद भी कार्तिक ने बटलर और स्मिथ को केवल स्पिनर्स को खिलाया. दोनों नरेन और कुलदीप को खुल कर नहीं खेल सके और 9वें ओवर में ही पचास रन पूरे कर सके. जोस बटलर जरूर बीच बीच में बड़े शॉट्स लगाते रहे लेकिन वे कोलकाता के गेंदबाजों में दबाव डालने में नाकाम रहे. नतीजा यह हुआ कि 12वें ओवर में छक्का लगाने के बाद अगली ही गेंद पर हैरी गुर्ने की गेंद पर बटलर डीप मिड विकेट पर शुभमन गिल को कैच दे बैठे. बटलर ने 34 गेंदों पर 37 रन बनाए. 13 ओवर में राजस्थान का स्कोर 2 विकेट पर 84 रन ही था.
बटलर को तोड़ निकाल लिया है टीमों ने
बटलर बेशक इस मैच में धीमा खेल न खेले हों, लेकिन वे उस तेजी से भी नहीं खेल सके जो पिछले सीजन में उन्होंने दिखाई थी. हालांकि बटलर इस सीजन में भी तेज खेल रहे हैं, लेकिन अब विरोधी टीमों के गेंदबाजों में उनका वह खौफ नहीं रहा जो पिछले सीजन में रहा था. वे इस बार स्पिन को खेलने में परेशानी महसूस कर रहे हैं. स्पिन के खिलाफ उनका स्ट्राइक रेट भी काफी कम है.
तीन विकेट गंवाकर केवल 139 बना सका राजस्थान
बात यहीं नहीं रुकी राजस्थान के बल्लेबाजों के फिर भी रन बनाने में परेशानी होती रही और स्टीव स्मिथ की 59 गेंदों पर 73 रनों की पारी के बावजूद टीम 20 ओवर में केवल 139 रन ही बना सकी. टीम के बाकी बल्लेबाज या तो चले नहीं या उन्हें मौका नहीं मिला क्योंकि टीम ने केवल तीन विकेट ही गंवाए. वहीं बेन स्टोक्स भी रन बनाने में संघर्ष करते नजर आए और 14 गेंदों पर केवल 7 रन ही बना सके.
नरेन और लिन ने ही मैच एकतरफा कर दिया
139 रनों का लक्ष्य छोटा था, लेकिन फिर भी फैंस को उम्मीद थी की इस मैच में आंद्रे रसल को देखने का मौका मिल सकता है, लेकिन सुनील नरेन ( 25 गेंदों पर 47 रन) और क्रिस लिन (32 गेंदों पर 50 रन) ने मैच कोलकाता की ओर ऐसा बनाया कि लगने लगा कि कहीं कोलकाता दस ओवर में ही दस विकेट से न जीत जाए. ऐसा हुआ तो नहीं लेकिन रॉबिन उथुप्पा और शुभमन गिल ने कोलकता को 14वें ओवर में ही जीत दिला दी.