लखनऊ। कांग्रेस पार्टी ने आम चुनाव के लिए आज घोषणा पत्र जारी किया. जन आवाज़ के नाम से जारी मैनिफ़ेस्टो में राहुल गांधी ने बताया कि सरकार बनाने के बाद उनकी पार्टी क्या करेगी. यूपी में लोकसभा की 80 सीटें दांव पर हैं. इनके नतीजे ही तय करेंगे दिल्ली में किसकी सरकार बनेगी? कांग्रेस के मैनिफ़ेस्टो को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने झूठ का पुलिंदा बताया है.
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कांग्रेस का 55 पेज का घोषणापत्र 55 वर्षों के उबाऊ और पुराने अपूर्ण वादों का नया संकलन है. घोषणा पत्र में बोल्ड करके बार-बार लिखा है, “हमने ऐसा पहले भी किया है, और हम इसे दुबारा भी करेंगे.” दरअसल इसी तरह की चुनावी खोखली घोषणाएं और सत्ता में आने के बाद जिस भी तरह के घोटाले संभव हो सकते हैं, कांग्रेस पार्टी भारत के स्वतंत्रता पाने के के बाद से करती आ रही है और जनता यह जानती है, इसलिए जनता ने पहले भी इन्हें खारिज किया है और जनता इन्हें दुबारा भी खारिज करेगी. पूरा देश जानता है कि कांग्रेस पार्टी ने 55 सालों तक देश की जनता के साथ सिर्फ अन्याय ही किया है. राहुल गांधी ने खुद कहा है कि हम जो करते आए हैं, उसे “हम निभाएंगे.”
योगी ने कहा कि बीजेपी और कांग्रेस में एक बुनियादी फ़र्क़ है. बीजेपी की कथनी करनी में कोई फर्क नहीं है. जो नरेंद्र मोदी की सरकार के 55 महीने के कार्यकाल में साफ़ दिखा है. जबकि कांग्रेस की कथनी करनी का अंतर पिछले 55 सालों में जनता ने देखा और झेला है. कांग्रेस का घोषणा पत्र छलावों का पुलिंदा है, नए कलेवर में अपने दशकों पुराने झूठ इकठ्ठा कर कांग्रेस ने हर बार की तरह कागज पर अपना घोषणा पत्र बनाया है. जिसको जमीन पर उतारने की न तो उनके अंदर योग्यता है, और न ही क्षमता. राहुल गाँधी ने खुद इस घोषणा पत्र के कोरे वादों को रट भले ही लिया हो, लेकिन वे इसे जमीन पर नहीं उतार पाएंगे.
उन्होंने कहा कि जीडीपी में शिक्षा के जिस 6 प्रतिशत का वादा राहुल गांधी ने किया है, वे शायद भूल गए हैं कि उनकी UPA सरकार में 2014 में यह 3.8 प्रतिशत था और बीजेपी सरकार ने इसे बढ़ाकर 4.6 प्रतिशत कर दिया है. जिसे बढ़ाकर 6 प्रतिशत करने का बीजेपी का ही लक्ष्य है. इसी बात को कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में दोहराया है.
यूपी के सीएम ने कांग्रेस के मैनिफ़ेस्टो के बहाने एक कहानी का भी ज़िक्र किया. एक बार भेड़िये ने भेड़ों से वादा किया कि आने वाले जाड़ों में सभी भेड़ों को कम्बल बांटे जायेंगे, भेड़ों ने जब सवाल किया कि “इसके लिए ऊन कहाँ से आएगा?” तो भेड़िया सिर्फ मुस्कुरा दिया, गौर से देखें तो वही धूर्त और शातिर मुस्कान आज कांग्रेस के कई नेताओं के चेहरे पर दिखेगी.
उन्होंने कहा कि न्याय योजना के अंतर्गत किया गया वादा जनता को एक बार फिर बरगलाने और भरमाने का नया तरीका है. पूरे देश के बजट के ख़र्च का 13 प्रतिशत इसमें शामिल होगा और इसकी व्यवस्था कैसे होगी ये नहीं बताया गया है. देश विदेश के बड़े बड़े अर्थशास्त्रियों तक का कहना है कि कांग्रेस की न्याय योजना की लागत जीडीपी के 1 प्रतिशत तक होगी जो कि फिलहाल मौजूदा समय के लिहाज से बजट की गुंजाइश से बाहर की बात है. फिर यह पैसा क्या कांग्रेस अपने नेताओं के स्विस खातों से, जिसमें दशकों से जनता को लूटकर इकठ्ठा किया है वहां से लाएगी?
उन्होंने कहा कि गौर करने वाली बात है कि इस योजना का वादा सिर्फ कांग्रेस ने किया है. कांग्रेस हमेश महामिलावटी गठबंधन वाली सरकार बनाती रही है. 37-38 सीटों पर लड़कर प्रधानमंत्री बनने का ख्वाब देखने वाले क्या कांग्रेस की इन हवा हवाई योजनाओं का समर्थन करेंगे?