इस्लामाबाद। अमेरिका और तालिबान के बीच जारी शांति वार्ताओं को लेकर ट्विटर पर उपजे उच्चस्तरीय राजनयिक विवाद में पाकिस्तान की एक मंत्री ने काबुल में अमेरिका के राजदूत पर आपत्तिजनक टिप्पणी की. पाकिस्तानी मंत्री ने अमेरिकी राजदूत को अल्पज्ञानी बताते हुए उनका माखौल उड़ाया और उन्हें ‘‘लिट्ल पिग्मी’’ की संज्ञा दे डाली. अफगानिस्तान पर हमले के 17 साल से अधिक समय के बाद, अमेरिका वहां से बाहर निकलने का रास्ता तलाश रहा है. यह घटना क्षेत्रीय तनाव के नाजुक संतुलन को रेखांकित करती है.
इसकी शुरुआत तब हुई जब पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने अफगानिस्तान में कथित रूप से एक अंतरिम सरकार के गठन का सुझाव दिया, ताकि बातचीत की प्रक्रिया सुचारू रूप से होने में मदद मिले. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने सोमवार को स्थानीय पत्रकारों के साथ थोड़ी देर हुई बातचीत में यह टिप्पणी की थी.
खान की इस टिप्पणी से अफगानिस्तान में विवाद खड़ा हो गया. अफगानिस्तान लंबे समय से देश में तालिबान के समर्थन और उसके प्रशिक्षण के लिये पाकिस्तान की खुफिया सेवाओं को जिम्मेदार ठहराता रहा है. अफगानिस्तान ने मंगलवार को पाकिस्तान से अपने राजदूत को वापस बुला दिया था और पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने बुधवार को खान की इस टिप्पणी के तूल नहीं देने की कोशिश की. उसने कहा कि उनके बयान को संदर्भ से परे रखकर रिपोर्ट किया गया…
ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘‘क्रिकेट के कुछ पहलू कूटनीति में बेहतर इस्तेमाल हो सकते हैं लेकिन कुछ नहीं भी हो सकते हैं. इमरान खान ‘‘अफगानिस्तान शांति’’ प्रक्रिया और उसके आंतरिक मामलों के साथ बॉल-टैम्पर (बॉल के साथ छेड़छाड़) के लालच को रोकना अहम है.’’ किसी विदेश राजदूत द्वारा उनके नेता का अपमान किये जाने से पाकिस्तानी भड़क उठे और उन्होंने इसके खिलाफ ट्विटर पर प्रतिक्रिया जाहिर की.
बॉल टैम्परिंग को लेकर आपका ज्ञान जितना कम है उतना ही अल्पज्ञान अफगानिस्तान और क्षेत्र को लेकर भी झलक रहा है! जाहिर तौर पर आपके मामले में अज्ञानता निश्चित रूप से कोई हर्ष का कारण नहीं है! यह तो खलीलजाद शैली की ट्रंपवादी संकट का संकेत है!’’ ट्विटर पर जब शिरीन पर राजनयिक नियमों के उल्लंघन का आरोप लगा तो मंत्री ने इस पर भी पलटवार किया.
आलोचना के जवाब में उन्होंने लिखा, ‘‘हा हा! नफरत करने वाले नफरत ही मिलेगा! लेकिन गंभीरता से बताइये कि राजनयिक मानदंड क्या हैं? जलमय से लेकर इस कम अक्ल व्यक्ति तक अमेरिकी राजदूत हर दिन इसका उल्लंघन करते हैं!’’