बीजिंग। चीन ने अमेरिका से जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्रसुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में एक मसौदा प्रस्ताव ‘‘जबरदस्ती पेश कर’’ इस मुद्दे को जटिल नहीं बनाने का बृहस्पतिवार को आग्रह किया। उसने कहा कि अमेरिका ने प्रस्ताव पेश कर संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद रोधी समिति के अधिकार को कमजोर किया है।
सुरक्षा परिषद के 1267 के तहत परिषद की अल कायदा प्रतिबंध समिति में अजहर को सूचीबद्ध कर उसे वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के एक प्रस्ताव पर चीन के वीटो करने के दो सप्ताह के बाद अमेरिका ने पाकिस्तान के आतंकी समूह के मुखिया का नाम काली सूची में डालने, उसके यात्रा करने पर प्रतिबंध लगाने, उसकी संपत्ति जब्त करने आदि के लिए परिषद को मसौदा प्रस्ताव भेजा था।
अमेरिका के इस प्रस्ताव को फ्रांस और ब्रिटेन का समर्थन प्राप्त है। इस घटनाक्रम के बारे में पूछे जाने पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने मीडिया ब्रीफिंग में बताया कि अमेरिका का यह कदम इस मुद्दे को केवल जटिल बनाता है। उन्होंने कहा, ‘‘यह बातचीत और वार्ता के माध्यम से मुद्दे के समाधान के अनुरूप नहीं है। इसने यूएनएससी के एक मुख्य आतंकवाद-निरोधी निकाय के रूप में समिति के अधिकार को कम किया है और इससे मुद्दा केवल जटिल हुआ है।’’
गेंग ने कहा, ‘‘हम अमेरिका से आग्रह करते हैं कि वह सतर्कतापूर्वक काम करे और इस प्रस्ताव के मसौदे को बलपूर्वक आगे बढ़ाने से बचे।’’ उन्होंने कहा कि मसूद का नाम काली सूची में डालने के संबंध में जटिल कारकों की एक श्रृंखला शामिल है और चीन भी बातचीत के माध्यम से उचित समाधान की तलाश में काम कर रहा है।
संयुक्त राष्ट्र सूत्रों ने न्यूयार्क में बताया कि ऐसा ‘‘पहली बार’’ है कि अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के लिए सुरक्षा परिषद में सीधे एक मसौदा प्रस्ताव पेश किया है। पिछली बार अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के लिए परिषद की प्रतिबंध समिति में प्रस्तावों को सूचीबद्ध किया गया था।