कांग्रेस से गठबंधन की चर्चा के बीच AAP ने राहुल की 72 हजार वाली योजना को बताया ‘जुमला’

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में लोकसभा चुनाव से पहले सत्ताधारी आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन करने की चर्चा जोरों पर है. इस बीच आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की मिनिमम इनकम गारंटी वाली घोषणा पर हमला बोला है. आम आदमी पार्टी ने राहुल की 72 हजार वाली योजना को जुमला बताया है.

आम आदमी पार्टी ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक कार्टून शेयर करके लिखा है, ‘’जुमलों से बचे. #LoksabhaElections2019.’’ इस कार्टून में साल 2014 के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 15 लाख रुपए वाले बयान को भी जुमला बताया गया है. देखें ये कार्टून.

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@AamAadmiParty

जुमलों से बचे।

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राहुल गांधी की 72 हजार वाली ये योजना क्या है?

दरअसल राहुल गांधी ने केंद्र में कांग्रेस की सरकार आने पर 25 करोड़ गरीब लोगों को मिनिमम इनकम गारंटी देने का एलान किया है, जिससे वह गरीबी से बाहर निकल सकें. राहुल गांधी के वादे के मुताबिक, इस योजना से पांच करोड़ गरीब परिवारों को फायदा होगा और कम से 72 हजार रुपए सालाना उन्हें मदद दी जाएगी.

इस योजना का आधार है कि किसी की भी आमदनी कम से कम 12 हजार रुपए तक पहुंचा दी जाएगी. मतलब अगर महीने में किसी की आमदनी सिर्फ सात हजार रुपए है तो उसको पांच हजार रुपए सरकार की तरफ से दिए जाएंगे. यह योजना अलग-अलग चरणों में लागू की जाएगी.

दिल्ली में आप-कांग्रेस गठबंधन पर बन सकती है बात

बता दें कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन पर बात बन सकती है. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस दिल्ली में आप से गठबंधन करने के लिए तैयार हो गई है. कांग्रेस ने आप के सामने चार सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ने का प्रस्ताव रखा है. हालांकि कांग्रेस को अभी आप के जवाब का इंतजार है. दिल्ली में लोकसभा की 7 सीटें हैं. आम आदमी पार्टी ने सातों सीटों पर अपने उम्मीदवारों का एलान कर दिया है.

गठबंधन क्यों करना चाहती हैं आप-कांग्रेस?

दरअसल आप-कांग्रेस गठबंधन के पीछे वोट प्रतिशत और सीटों का गणित है. दरअसल, 2014 के लोकसभा चुनाव में सभी सीटों पर बीजेपी ने कब्जा जमाया था. वहीं वोट प्रतिशत पर नजर डालें तो बीजेपी पर 46.6 प्रतिशत मतदाताओं ने भरोसा जताया था. कांग्रेस को 15.2 प्रतिशत, आम आदमी पार्टी (आप) को 33.1 प्रतिशत वोट मिले थे. अब अगर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के वोट प्रतिशत को जोड़ दिया जाए तो यह आंकड़ा 48.3 प्रतिशत पर पहुंच जाएगा.

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