नई दिल्ली। कर्नाटक की तुमकुर लोकसभा सीट पर पूर्व प्रधानमंत्री और जेडीएस सुप्रीमो एचडी देवगौड़ा के चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद कांग्रेस में बगावत के सुर सुनाई देने लगे हैं. इन सबके बीच देवगौड़ा ने अपने चुनाव लड़ने के फैसले के बारे में कहा कि मैं 29 साल लोकसभा का सदस्य रहा, इसलिए मैंने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला लिया था. लेकिन, टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी, एनसी नेता फारुख अब्दुल्ला, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और कई नेताओं ने मेरे चुनाव लड़ने पर जोर दिया. इसी के कारण मैंने चुनाव लड़ने का फैसला किया.
देवगौड़ा ने अपने पोते को दे दी थी अपनी पारंपरिक हासन सीट
एचडी देवगौड़ा ने कहा कि मैं चुनाव नहीं लड़ना चाहता था, इसलिए अपनी पारंपरिक हासन लोकसभा सीट अपने पोते प्रज्वल रेवन्ना को दे दी थी. लेकिन कई वरिष्ठ नेताओं और मेरे दोस्तों ने मुझे चुनाव लड़ने का सुझाव दिया. उन्होंने कहा कि मुझे पता था कि मेरे चुनाव लड़ने के फैसले से कांग्रेस के मौजूदा सांसद पी मुदाहनुमेगौड़ा को दुख पहुंचेगा. मेरा उन्हें दुख पहुंचाने का कोई विचार नहीं था. देवगौड़ा ने कहा कि कांग्रेस की ओर से सांसद मुदाहनुमेगौड़ा को सभी चीजों से अवगत करा दिया गया है.
कांग्रेस के सहयोग से चल रही राज्य में हमारी सरकार- देवगौड़ा
उन्होंने कहा कि मैंने तुमकुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का फैसला कांग्रेस और जेडीएस के कई नेताओं की मांग पर किया है. उन्होंने कहा कि कर्नाटक में हमारी केवल 37 विधानसभा सीट हैं. इसके बावजूद हमारी सरकार है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के समर्थन से ही हमने कर्नाटक में सरकार बनाई है. उन्होंने कहा कि मैं राज्य के हर हिस्से में चुनाव प्रचार करूंगा. मुझे आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने भी चुनाव प्रचार के लिए बुलाया है.
कांग्रेस में बगावत तेज
देवगौड़ा ने कहा कि हम सेकुलर पार्टी हैं और हमारी जहां भी जरूरत होगी, हम वहां जाएंगे. गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में देवगौड़ा के नाम की घोषणा होते ही तुमकुर संसदीय सीट से कांग्रेस के मौजूदा सांसद पी मुदाहनुमेगौड़ा ने जेडीएस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. मुदाहनुमेगौड़ा ने कहा है कि वह किसी भी हाल में तुमकुर सीट नहीं छोड़ेंगे.