इंडियन प्रीमियर लीग के 12वें संस्करण के अपने पहले मैच में ही युवराज सिंह ने अपने बल्ले का जौहर दिखाते हुए शानदार बल्लेबाजी की. युवराज ने रविवार को बता दिया कि उनमें अब भी काफी दमखम है और वर्ल्डकप के लिए उनकी दावेदारी खत्म नहीं हुई है. आईपीएल में इस बार मुंबई की ओर से खेल रहे युवराज 53 रनों की पारी के बावजूद वे अपनी टीम को जीत नहीं दिला सके.
मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में मुंबई और दिल्ली की टीमों के बीच हुए रोमांचक मुकाबले में दिल्ली ने मुंबई को 37 रन से हरा दिया. दिल्ली के 214 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए मुंबई की टीम युवराज सिंह (53) के अर्धशतक के बावजूद 19.2 ओवर में 176 रन ही बना सकी. युवराज के अलावा कृणाल पंड्या (32) ही 30 रन के आंकड़े को पार कर पाए. वहीं जसप्रीत बुमराह चोटिल होने के कारण बल्लेबाजी के लिए नहीं उतर सके. दिल्ली की ओर से कागिसो रबादा ने 24 जबकि इशांत शर्मा ने 34 रन देकर दो-दो विकेट लिए.
मुंबई की शुरुआत ही खराब रही
लक्ष्य का पीछा करने उतरे मुंबई की शुरुआत खराब रही. कप्तान रोहित शर्मा 13 गेंद में 14 रन बनाने के बाद इशांत की गेंद पर राहुल तेवतिया को बाउंड्री पर कैच दे बैठे. इशांत के पारी के छठे ओवर में सूर्य कुमार यादव (02) विरोधी टीम के कप्तान श्रेयस अय्यर के सटीक निशाने पर रन आउट हुए. इस तेज गेंदबाज ने इसी ओवर में क्विंटन डिकाक (27) को भी ट्रेंट बोल्ट के हाथों कैच कराके मेजबान टीम का स्कोर तीन विकेट पर 45 रन किया.
युवराज और कीरोन पोलार्ड (21) ने इसके बाद चौथे विकेट के लिए 50 रन जोड़े. कीमो पाल ने पोलार्ड को तेवतिया के हाथों कैच कराके इस साझेदारी को तोड़ा जबकि अक्षर पटेल ने अगले ओवर में हार्दिक पंड्या (00) को अपनी ही गेंद पर लपका. युवराज ने एक छोर संभाले रखा. उन्हें कृणाल का अच्छा साथ मिला जिन्होंने शुरू से ही आक्रामक तेवर दिखाए. मुंबई को अंतिम पांच ओवर में जीत के लिए 80 रन की दरकार थी. युवराज ने अक्षर पर दो छक्के जड़कर दर्शकों में रोमांचक पैदा किया. युवराज ने बोल्ट पर चौके के साथ 33 गेंद में अर्धशतक पूरा किया. मुंबई को हालांकि इसके बावजूद अंतिम दो ओवर में जीत के लिए 46 रन की दरकार थी. रबादा ने युवराज को तेवतिया के हाथों कैच कराके मुंबई की जीत की रही सही उम्मीद भी तोड़ दी. उन्होंने 35 गेंद का सामना करते हुए पांच चौके और तीन छक्के मारे.
शानदार रिकॉर्ड रहा है युवराज का
युवराज सिंह साल 2011 के वर्ल्ड कप के मैन ऑफ द टूर्नामेंट रहे थे, लेकिन इसके बाद ब्ल़ड कैंसर से उबरने कर वापसी करने के बावजूद वे 2015 के वर्ल्डकप की टीम इंडिया में शामिल नहीं चुने जा सके थे. पिछले कुछ सालों से वे आईपीएल में भी अपने फॉर्म से जूझते नजर आए थे. वैसे युवराज का वनडे में शानदार बैटिंग रिकॉर्ड रहा है. 304 वनडे में युवराज ने 36.56 के औसत से 9924 रन बनाए हैं. इनमें 14 शतक और 52 अर्धशतक शामिल हैं.
कृणाल ने इशांत के ओवर में दो चौके और एक छक्का मारा. वह हालांकि 15 गेंद में 32 रन बनाने के बाद बोल्ट की गेंद पर बड़ा शाट खेलने की कोशिश में तेवतिया को कैच दे बैठे. उन्होंने अपनी पारी में पांच चौके और एक छक्का मारा. कागिसो रबादा ने बेन कटिंग (03) को विकेटकीपर पंत के हाथों कैच कराया.मैकलेनाघन ने भी रबादा और बोल्ट पर चौके मारे.
दिल्ली की भी अच्छी नहीं रही थी शुरुआत
टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी नई नाम वाली दिल्ली कैपिटल्स ने 29 रन के अंदर ही पृथ्वी शॉ (7) और कप्तान श्रेयस अय्यर (16) के रूप में दो विकेट गंवा दिया. इसके बाद बल्लेबाजी करने आए कोलिन इनग्राम (47) ने शिखर धवन (43) के साथ तीसरे विकेट के लिए 83 रन की साझेदारी की और टीम को मजबूती दी. कोलिन टीम के 112 के कुल स्कोर पर आउट हुए. उन्होंने 32 गेंदों पर सात चौके और एक छक्का लगाया. धवन ने पंत के साथ भी चौथे विकेट के लिए 19 रन जोड़े. धवन टीम के 131 के स्कोर पर चौथे बल्लेबाज के रूप में आउट हुए. उन्होंने 36 गेंदों पर चार चौके और एक छक्का लगाया.
पंत की पारी ने अंतर पैदा किया
पंत ने 27 गेंदों पर सात चौके और सात छक्के लगाकर नाबाद 78 रन की पारी खेली. दिल्ली ने अंतिम छह ओवरों में 99 रन बटोरे, जिसकी बदौलत वह छह विकेट पर 213 रन के स्कोर तक पहुंच पाई. पंत ने 18 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा किया. पंत और राहुल तेवतिया (नाबाद नौ) ने अंतिम 16 गेंदों पर सातवें विकेट के लिए 48 रन की अविजित साझेदारी की. कीमो पॉल ने तीन, अक्षर पटेल ने चार रन बनाए. तेवतिया ने चार गेंदों पर एक छक्का लगाया. मुंबई की ओर से मिशेल मैक्लेनेगन ने तीन और हार्दिक पांड्या, बेन कटिंग और जसप्रीत बुमराह ने एक-एक विकेट लिया.