नई दिल्ली। बीते रोज बीजेपी के कद्दावर नेता और गोवा के चार बार मुख्यमंत्री रहे मनोहर पर्रिकर का निधन हो गया. मनोहर पर्रिकर को जमीन से जुड़ा हुआ एक सादगीपूर्ण नेता माना जाता था. उनके निधन को बीजेपी और गोवा के लिए बड़ा नुकसान माना जा रहा है. बीजेपी को साल 2014 से लेकर अब तक के कार्यकाल में अपने कई कद्दावर नेताओं को खोना पड़ा है. हम आपको बताते हैं कि बीजेपी सरकार के इस कार्यकाल में किन-किन बीजेपी नेताओं का निधन हो गया है.
मनोहर पर्रिकर (13 दिसंबर 1955 – 17 मार्च 2019)
कल गोवा के मुख्यमंत्री और पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर का निधन हो गया है. केंद्रीय मंत्री वी के सिंह ने ट्वीट कर मनोहर पर्रिकर के निधन की जानकारी दी. 63 साल के पर्रिकर के फरवरी 2018 में अग्नाशय (पैंक्रियाटिक) के कैंसर से पीड़ित होने की पुष्टि की गई थी. वह अमेरिका, मुंबई और दिल्ली में इलाज करा चुके थे. गोवा में बीजेपी की जड़ें जमाने वाले पर्रिकर पहली बार 1994 में विधायक बने थे. पर्रिकर भारत के ऐसे पहले मुख्यमंत्री थे, जिन्होंने आईआईटी से पढ़ाई की है.
अनंत कुमार (22 जुलाई 1959 – 12 नवंबर 2018)
पिछले साल दक्षिण भारत में बीजेपी के मजबूत सिपहसालार अनंत कुमार का भी निधन हो गया था. अनंत कुमार 1996 में पहली बार दक्षिणी बेंगलुरु से लोकसभा के सदस्य बने थे. 1996 में 13 दिन की अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में उन्हें उड्डयन मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. साल 2014 में मोदी सरकार में उन्हें रसायन और उर्वरक मंत्रालय सौंपा गया था. जुलाई 2016 में उनके कार्यक्षेत्र का विस्तार करते हुए उन्हें संसदीय कार्यमंत्री की जिम्मेदारी भी दी गई थी.
अटल बिहारी वाजपेयी (25 दिसंबर 1924 – 16 अगस्त 2018)
साल 2018 में बीजेपी के भीष्म पितामाह कहे जाने वाले अटल बिहारी वाजपेयी का लंबी बीमारी के बाद 93 साल की आयु में एम्स में निधन हो गया था. अटल बिहारी वाजपेयी को भारतीय राजनीति के सबसे बड़े नक्षत्रों में शुमार किया जाता है. तीन बार भारत के प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी वाजपेयी की छवि एक ऐसे नेता की थी जो सबको साथ लेकर चलने में यकीन रखते थे. स्वास्थ्य समस्या के चलते उन्होंने बहुत पहले की राजनीति से सन्यास ले लिया था. लेकिन वो हमेशा हर वर्ग के बीच लोकप्रिय रहे.
अनिल माधव दवे (6 जुलाई 1956 – 18 मई 2017)
साल 2017 में मोदी सरकार में पर्यावरण राज्यमंत्री अनिल माधव दवे का निधन हो गया था. केंद्रीय मंत्री अनिल माधव दवे को मुख्य तौर पर पर्यावरण के लिए किए गए उनके कामों को लेकर जाना जाता है. दवे एक पर्यावरणविद, नदी संरक्षक, लेखक, सांसद और गैर पेशेवर पायलट थे. मध्य प्रदेश के उज्जैन के छोटे से गांव बारनगर में उनका जन्म हुआ था. नर्मदा नदी के लिए किए गए उनके कामों को लेकर उन्हें जाना जाता है. दवे ने इसके लिए ‘नर्मदा समग्र’ संस्था बनाकर काम किया था.
गोपीनाथ मुंडे (12 दिसंबर 1949 – 3 जून 2014)
2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को जीत मिलने के कुछ ही सप्ताह के भीतर दिल्ली में एक सड़क दुर्घटना में गोपीनाथ मुंडे की मौत हो गई थी. गोपीनाथ मुंडे को महाराष्ट्र में बीजेपी का सबसे बड़ा चेहरा माना जाता था. उन्हें मोदी सरकार में ग्रामीण विकास और पंचायती राज का मंत्रालय सौंपा गया था. इसके साथ ही उन्हें महाराष्ट्र में बीजेपी की तरफ से मुख्यमंत्री का सबसे बड़ा चेहरा माना जा रहा था.