पणजी। गोवा के मुख्यमंत्री के चयन को लेकर बीजेपी और उसके गठबंधन सहयोगियों के बीच माथापच्ची जारी है. इस बीच गोवा बीजेपी के प्रमुख विनय तेंदुलकर ने कहा है कि अगले मुख्यमंत्री को लेकर दोपहर दो बजे तक फैसला हो जाएगा, तीन बजे के बाद शपथग्रहण समारोह होगा. सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री की रेस में गोवा विधानसभा के स्पीकर प्रमोद सावंत सबसे आगे हैं. विश्वजीत राणे और श्रीपद नाइक भी रेस में हैं. श्रीपद नाइक के नाम पर सहयोगी पक्ष समर्थन नहीं दे रहे हैं
इस बीच कांग्रेस ने भी गोवा में सरकार बनाने का दावा ठोका है. विपक्ष के नेता चंद्रकांत कावलेकर ने कहा, ”गोवा में कांग्रेस के सभी 14 विधायक सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए राज्यपाल से मुलाकात करेंगे.”गोवा विधानसभा में कुल 40 सीटें हैं और अभी विधानसभा में कुल 36 विधायक हैं और कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है.
कांग्रेस– 14 विधायक
बीजेपी -12 विधायक
जीएफपी– 3 विधायक
एमजीपी– 3 विधायक
निर्दलीय– 3 विधायक
एनसीपी– एक विधायक
बीजेपी के साथ कौन-कौन है?
बीजेपी को जीएफपी, एमजीपी और निर्दलीय का समर्थन हासिल है. यानि कुल 21 विधायक बीजेपी के साथ हैं और सरकार बनाने के लिए फिलहाल 19 विधायकों की जरूररत है. लेकिन एमजीपी और जीएफपी को बीजेपी के मुख्यमंत्री चेहरे पर आपत्ति है.
गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का कल निधन हो गया था. आज शाम पांच बजे उन्हें अंतिम विदाई दी जाएगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत बीजेपी के अन्य वरिष्ठ नेता इस मौके पर मौजूद रहेंगे. केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी ने मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद गोवा के नए मुख्यमंत्री का चयन करने के लिए सोमवार को पार्टी के नेताओं और गठबंधन के सहयोगी दल महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी (एमजीपी) के साथ बातचीत की.
गोवा में बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन ने पर्रिकर के स्थान पर नए नेता की तलाश करने के लिए रविवार रात को ही बातचीत शुरू कर दी. पर्रिकर (63) बीजेपी, गोवा फॉरवर्ड पार्टी, एमजीपी और निर्दलीयों के गठबंधन वाली सरकार का नेतृत्व कर रहे थे.
गडकरी आधी रात के बाद गोवा पहुंचे और सुबह पणजी के समीप एक होटल में बीजेपी और एमजीपी के नेताओं के साथ बातचीत शुरू की. बीजेपी नेता विश्वजीत राणे और एमजीपी नेता सुदीन धवलीकर बैठक में शामिल हुए. ऐसी खबर है कि इन्होंने मुख्यमंत्री बनने की इच्छा जताई है. तीसरे उम्मीदवार प्रमोद सावंत बैठक में मौजूद नहीं थे. जीएफपी के नेताओं को बैठक में नहीं बुलाया गया था. धवलीकर ने कहा कि नेतृत्व के मुद्दे पर दोपहर तीन बजे तक तस्वीर साफ होने की उम्मीद है.