नई दिल्ली। मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर की अंतिम यात्रा से पहले ही गोवा में सियासी घमासान शुरू हो गया है. बीजेपी की तरफ से गोवा विधानसभा के स्पीकर प्रमोद सावंत राज्य के नए मुख्यमंत्री हो सकते हैं. वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस ने प्रदेश में सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है. ऐसे में पर्रिकर की विदाई के बाद राज्य की सियासत किस ओर जाएगी, यह अब सबसे बड़ा सवाल बन गया है.
रविवार शाम मनोहर पर्रिकर का निधन होने के बाद ही देर रात गोवा प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने राज्यपाल को पत्र लिखकर सरकार बनाने का दावा पेश किया है. गोवा कांग्रेस ने इस पत्र में कहा है कि मनोहर पर्रिकर के देहांत से हम दुखी हैं.
पत्र में लिखा गया है कि गठबंधन दलों ने बीजेपी सरकार बनाने के लिए मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व की शर्त रखी थी. यानी राज्य के छोटे दल मनोहर पर्रिकर को मुख्यमंत्री बनाने की शर्त पर ही बीजेपी के साथ आए थे. बता दें कि 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, लेकिन बीजेपी ने छोटे दलों व निर्दलीयों विधायकों की मदद से सरकार बनाई थी. हालांकि, इन छोटे दलों व निर्दलीयों ने विधायकों तभी बीजेपी को समर्थन दिया था, जब मनोहर पर्रिकर को सीएम बनाने की उनकी शर्त मान ली गई.
अब कांग्रेस ने गठबंधन शर्त का हवाला देते हुए राज्यपाल को बताया है कि बीजेपी के पास मौजूदा स्थिति में कोई घटक दल नहीं है. पार्टी ने अपने पत्र में सीटों का आंकड़ा भी दिया. पत्र में बताया कि फिलहाल कांग्रेस के पास 14, बीजेपी के पास 11, गोवा फॉर्वर्ड के पास 3, एमजीपी के पास 3, निर्दलीय 3, एनसीपी 1 और एक स्पीकर हैं. ये आंकड़ा देते हुए कांग्रेस ने राज्यपाल से मांग की है कि कांग्रेस को सरकार बनाने का न्योता दिया जाए.
ये है गोवा का नंबर गेम
गोवा विधानसभा में कुल 40 सीटें हैं. इनमें से तीन सीटें पहले ही खाली पड़ी हुई थीं, जहां 23 अप्रैल को उपचुनाव होने हैं. अब मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद एक और सीट खाली हो गई है. यानी अब सदस्यों की कुल संख्या स्पीकर समेत 36 बची है. ऐसे में फिलहाल बहुमत के लिए 19 सीटों की आवश्यकता है.
मौजूदा गणित के लिहाज के बीजेपी सरकार के पास कुल 21 विधायक हैं. इनमें 12 बीजेपी, 3 एमजीपी, 3 जीएफपी और 3 निर्दलीय हैं. वहीं कांग्रेसी खेमे में उसके अपने 14 और एक एनसीपी विधायक है. यानी कांग्रेस के पास 15 सदस्य हैं. हालांकि, ये समीकरण उस स्थिति में जब बीजेपी के सभी सहयोगी उसके साथ बने रहें. चर्चा ये भी है कि मनोहर पर्रिकर के न होने पर अब क्षेत्रीय दल बीजेपी को समर्थन पर पुनर्विचार कर सकते हैं.
कांग्रेस भी यही दावा कर रही है. उनका कहना है कि बीजेपी को जिन दलों ने समर्थन दिया था वो मनोहर पर्रिकर के मुख्यमंत्री होने की शर्त पर था. लेकिन अब उनका दुर्भाग्यपूर्ण देहांत हो गया. ऐसे में कांग्रेस को सरकार बनाने का अवसर दिया जाए. हालांकि, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी रात से ही गोवा में डटे हुए हैं और लगातार विधायकों से बैठकें कर रहे हैं.