नई दिल्ली। लंबे समय से कैंसर से जूझ रहे गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का रविवार को निधन हो गया. वह 64 साल के थे. राजनीति में अपने सरल और सीधे स्वभाव के कारण चर्चा में रहने वाले पर्रिकर एक मंझे हुए राजनेता थे. बीजेपी में मनोहर पर्रिकर पहले ऐसे नेता थे, जिन्होंने साल 2013 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री पद की दावेदारी की वकालत की थी.
पीएम मोदी से मनोहर पर्रिकर का रिश्ता इतना करीबी था कि जब 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने प्रचंड जीत के साथ सरकार का गठन किया तो मोदी एक से एक काबिल लोगों को अपनी कैबिनेट में जगह देना चाहते थे, इसी क्रम में उनकी नजर गोवा के सीएम मनोहर पर्रिकर पर गई और सरकार गठन के करीब छह महीने बाद उन्हें दिल्ली बुला लिया और रक्षा मंत्रालय जैसा भारी भरकम जिम्मा सौंपा.
पर्रिकर की सादगी ये थी कि विपक्षी पार्टी भी उनकी तारीफ में कसीद गढ़ते थे. पर्रिकर के रक्षामंत्री रहते ही भारत ने पाकिस्तान पर साल 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक किया था. भारत के इस कदम की देश में काफी चर्चा हुई थी और इसमें रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के रणनीति की लोगों ने तारीफ की थी.
मनोहर पर्रिकर ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॅजी (आईआईटी- बॉम्बे) से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी. पर्रिकर ने स्कूली दिनों में ही राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ (आरएसएस) ज्वॉइन कर लिया था. पर्रिकर साल 1994 में पहली बार गोवा में विधायक चुने गए. 1999 में वह गोवा विधानसभा में विपक्ष के नेता बने.
राजनीति में उन्होंने काफी तेजी से तरक्की की और विपक्षी नेता बनने के महज एक साल के अंदर वह गोवा के मुख्यमंत्री बन गए. पर्रिकर पांच सालों तक 2000 से 2005 के बीच राज्य के सीएम रहे. इसके बाद वह फिर से 2012 से 2014 के बीच सीएम बने.
साल 2017 में गोवा में एक बार फिर विधानसभा का चुनाव हुआ. यहां बीजेपी स्पष्ट बहुमत लाने में नाकामयाब रही. गोवा में अन्य पार्टी के नेता इसी बात पर बीजेपी को समर्थन देने के लिए तैयार हुए जब मनोहर पर्रिकर राज्य के सीएम होंगे. इसके बाद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने पर्रिकर को गोवा भेज दिया. तब से अभी तक मनोहर पर्रिकर गोवा के सीएम थे.
मनोहर पर्रिकर के सरल स्वभाव की झलकियां-
1. मनोहर पर्रिकर सीएम बनने के बाद भी अपनी स्कूटर खूब चलाते थे. वह अमूमन हाफ शर्ट और साधारण पैंट पहनते थे. अपने बेटे की शादी में वह खुद इसी ड्रेस में मेहमानों का स्वागत कर रहे थे.
2. वह सीएम रहते काम को लेकर काफी सीरियस रहते थे. रात में जगकर फाइलों को निपटाना उनकी आदस सी बन गई थी. वह 16 से 18 घंटे काम करते थे.
3. एक बार आधी रात तक वह अपने ओएसडी गिरिराज वरनेकर के साथ एक प्रॉजेक्ट डिस्कस करते रहे. बाद में जाते समय जब वरनेकर ने पूछा कि सर कल कितने बजे आऊं तो उन्होंने कहा कि कल तुम थोड़ा देर से भी आ सकते हो. सुबह 6.30 तक आओगे तो ठीक रहेगा. यह सुनकर वरनेकर हैरान रह गए. लेकिन जब वह बताए समय पर आए तो मनोहर पर्रिकर उससे पहले से ही काम कर रहे थे.
4. साल 2004 में एक फिल्म फेस्टिवल के उद्घाटन के दौरान पसीने से लथपथ पर्रिकर पुलिस वालों के साथ आयोजन स्थल के बाहर ट्रैफिक कंट्रोल कर रहे थे.
5. मनोहर पर्रिकर सीएम रहते हुए भी विमान में इकॅानमी क्लास में यात्रा करना पसंद करते थे. वह एयरपोर्ट पर यात्रियों के साथ लाइन में लगते थे और बोर्डिंग पास लेते थे. वह पब्लिक ट्रांसपोर्ट का भी इस्तेमाल करते थे.
6. एक बार एक महिला मनोहर पर्रिकर के जनता दरबार में अपने बेटे के लिए लैपटॉप मांगने आई. वहां मौजूद अधिकारियों ने कहा कि सर यह महिला योजना के अंतर्गत नहीं आती है. इसके बाद पर्रिकर ने अपने पैसे से उनके लिए लैपटॉप की व्यवस्था कराई.