नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस पिनाकी चंद्र घोष भारत के पहले लोकपाल होंगे. शनिवार शाम को लोकपाल की नियुक्ति को लेकर प्रधानमंत्री के साथ हुई बैठक में यह फैसला लिया गया. हालांकि माना जा रहा है कि इसकी आधिकारिक पुष्टि सोमवार यानी 18 मार्च को होगी. सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज पीसी घोष फिलहाल राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) के सदस्य हैं. मालूम हो कि लोकपाल की मांग को लेकर ही अन्ना हजारे की अगुवाई में बड़ा आंदोलन हो चुका है.
लोकपाल चयन समिति की अध्यक्ष न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई हैं. लोकपाल के न्यायिक सदस्य बनने के लिए आवेदक को या सुप्रीम कोर्ट का वर्तमान या पूर्व प्रधान न्यायाधीश या किसी भी हाईकोर्ट का वर्तमान या पूर्व मुख्य न्यायाधीश होना चाहिए. वहीं, गैर-न्यायिक सदस्यों में भ्रष्टाचार रोधी संबंधित क्षेत्र का 25 सालों का अनुभव रखने वाला कोई भी व्यक्ति हो सकता है.
यह पात्रता लोकपाल अधिनियम के मुताबिक निर्धारित की गई है. चेयरमैन पद का आवेदक कोई निर्वाचित प्रतिनिधि या कोई भी व्यवसाय करने वाला या किसी भी क्षेत्र का पेशेवर नहीं हो सकता है. इसके अलावा उम्मीदवार किसी ट्रस्ट या लाभ के पद पर भी नहीं होना चाहिए. अध्यक्ष का कार्यकाल पांच साल का होगा और वेतन भारत के मुख्य न्यायाधीश के बराबर होगा.
भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने लोकपाल नियुक्ति में देरी के विरोध में आंदोलन का एक और दौर शुरू किया था, जिसके बाद लोकपाल के लिए विज्ञापन जारी किया गया था. उन्होंने अपना आन्दोलन इस वादे के बाद समाप्त किया कि जल्द ही लोकपाल का गठन किया जाएगा.