नई दिल्ली। आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद तालिबान के साथ मिलकर भारत पर बड़े आतंकी हमले की साजिश में लगा हुआ है. ख़ुफ़िया एजेंसियों की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पीओके में भारतीय वायुसेना की तरफ से बालाकोट में की गई एयर स्ट्राइक से पहले जैश चीफ मौलाना मसूद अजहर ने तालिबान, हक्कानी गुटों के कमांडरो के साथ बैठक की थी. इस बैठक में ये फैसला लिया गया है कि जैश तालिबान के साथ मिलकर भारत और अफ़ग़ानिस्तान में हमला करेगा. ख़ुफ़िया एजेंसियों की इस रिपोर्ट के बाद से सुरक्षा एजेंसियां लगातार जैश की गतिविधियों पर नज़र रखे हुए है.
सुरक्षा से जुड़े एक अधिकारी के मुताबिक, ”जैश चीफ मसूद अजहर और तालिबानी आतंकियों के बीच 15-20 दिसंबर के दौरान पाकिस्तान में बैठक हुई है, जिसमें जैश और तालिबान ने मिलकर एक साथ भारत पर आतंकी हमले का प्लान बनाया है. इनपुट के मुताबिक, तालिबान जैश के आतंकियों को बड़े हमले के लिए ट्रेनिंग देगा, जैसा की अफ़ग़ानिस्तान में तालिबानी आंतकी हमले करते हैं.
सुरक्षा एजेंसी से जुड़े एक और अधिकारी के मुताबिक, आइएसआई पिछले कई महीनों से जैश, हक्कानी और तालिबान को एक साथ लाना चाहती थी. जब से अमेरिका ने तालिबान के साथ मिलकर अफगनिस्तान में बातचीत का दौर शुरू किया है, आइएसआई इस मौके का फायदा उठाने में लगी है. वो तालिबानी आतंकियों को भारत में हमले के लिए उकसा रही है और इसीलिए आइएसआई ने इन आतंकी गुटों के साथ बैठक कराई है.
ख़ुफ़िया रिपोर्ट के मुताबिक़, पिछले साल इन कैंपों में कुल 560 आतंकियों को पाकिस्तान में ट्रेनिंग दी गई. यहां इन आतंकियों को आईईडी से लेकर गहरे पानी में ट्रेनिंग दी जा रही है, जिससे वो समुद्र के जरिये भारत पर हमले कर सकें.
पीओके के जिन आतंकी कैंपों में ट्रेनिंग दी जा रही है, उनके नाम हैं बोई, मुजफ्फराबाद, कोटली, बरनाला, लाका-ए-गैर, शेरपाई, देवलीन, खालिद बिन वालिद, गरही और दुपट्टा कैंप. ये सभी जो ख़ुफ़िया एजेंसियों के निशाने पर हैं.