अमृतसर। भारत और पाकिस्तान के बीच बनने वाले श्री करतारपुर कॉरिडोर के निर्माण के मुद्दे पर चर्चा के लिए पाकिस्तान को प्रतिनिधिमंडल यहां पहुंच गया है। पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल वाघा अटारी बॉडर्र से होकर आज सुबह पहुंचा। इस संबंध में भारतीय दल और पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल के बीच वार्ता शुरू हो गई है।
बातचीत में कारिडोर के निर्माण, उसकी डिजाइन और श्री करतार पुर में श्रद्धालुओं के दर्शन की व्यवस्था को लेकर वार्ता हो रही है। इसमें प्रतिदिन श्री करतारपुर जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या, श्री करतारपुर गुरुद्वारा में रहने की अवधि और वीजा संबंधी मुद्दों पर बातचीत होगी।
बता दें कि भारत की ओर से कतारपुर कॉरिडोर परिसर के बिल्डिंग डिजाइन को पहले ही मंजूरी दे दी गई है। वार्ता में कॉरिडोर के निर्माण के विभिन्न पहलुओं सहित श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्थाओं के बारे में भी चर्चा होगी। दोनों पक्ष एक-दूसरे को काॅरिडोर के निर्माण की दिशा में अब तक हुए कार्य के बारे में भी जानकारी देंगे।
वार्ता आइसीपी अटारी में हो रही है। बैठक आइसीपी चेक पोस्ट में बीएसएफ कांफ्रेंस हाल में हो रही है। इसमें भारत व पाक के गृह मंत्रालय व विदेश मंत्रालय विभाग के उच्चाधिकारी, बीएसएफ, पाक रेंजर व अन्य अधिकारी शामिल हैं।
वाघा अटारी बॉर्डर पर पहुंचा पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल।
डेरा बाबा नानक में एक हफ्ते में शुरू होगा करतारपुर कॉरिडोर का काम
उधर श्री करतारपुर साहिब गुरुद्वारा के दर्शनों के लिए भारत-पाकिस्तान के बीच बनने वाले कॉरिडोर के लिए जमीन का जायजा लेने लैंड पोर्ट अथॉरिटी दिल्ली की टीम बुधवार शाम डेरा बाबा नानक पहुंची। टीम में अधिकारी अखिलेश यादव, परमजीत ङ्क्षसह नागरा व एसडीएम गुरसिमरन सिंह शामिल थे। टीम ने बताया कि एक हफ्ते में कॉरिडोर का काम बड़े स्तर पर शुरू कर दिया जाएगा और 11 नवंबर तक कॉरिडोर का काम पूरा कर संगत को समर्पित कर दिया जाएगा।
टीम ने करतारपुर कॉरिडोर के पास श्रद्धालुओं के लिए बनने वाले विश्राम गृह के लिए चयनित जमीन भी देखी। लैंड पोर्ट अथॉरिटी की टीम वीरवार को अटारी बॉर्डर पर करतारपुर कॉरिडोर के संबंध में भारत-पाक अधिकारियों के बीच होने वाली बैठक में भी भाग लेगी।
पटवारी की कोठी बचाने के लिए कॉरिडोर के पिलर 20 फीट खिसकाए, किसानों ने वापस लगाए
कॉरिडोर के लिए चयनित जमीन पर लगाए गए पिलरों को कुछ लोगों ने बदल कर 20 फीट दूर खिसका दिया। गांव पखोके के किसानों को जब इस बात का पता चला तो उन्होंने पिलरों को पुरानी जगह पर लगा दिया। गांव पखोके के किसान सूबासिंह, जोगिंदर सिंह, जैमल सिंह, पलविंदर सिंह, मलकीत सिंह, संत सिंह और कुलवंत सिंह ने बताया कि एक पटवारी की कोठी बचाने के लिए पिलरों को 20 फीट दूर संत सरोवर गुरुद्वारा साहिब की ओर खिसका दिया गया था। अब पिलरों को दोबारा पुरानी जगह पर लगा दिया है। वहीं एसडीएम गुरसिमरन ङ्क्षसह ढिल्लों का कहना है कि मामला उनके ध्यान में आया है। जमीन के जिन नंबरों की अधिसूचना जारी हुई है, कॉरिडोर वहीं पर बनाया जाएगा।