आतंक-बातचीत साथ-साथ नहीं, इमरान इतने उदार हैं तो मसूद अजहर को हमें सौंपें: सुषमा स्वराज

नई दिल्ली। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा है कि पाकिस्तान जब तक अपनी जमीन से संचालित आतंकी अड्डों पर कार्रवाई नहीं करता, तब तक उससे कोई बातचीत नहीं हो सकती. उन्होंने बातचीत व आतंकवाद के साथ-साथ नहीं चलने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अगर इतने ही उदार हैं तो मसूद अजहर को हमें सौंप दें.

‘इंडियाज वर्ल्ड: मोदी गवर्नमेंट्स फॉरेन पॉलिसी’ पर बातचीत में उन्होंने बुधवार को कहा कि पाकिस्तान को आईएसआई और अपनी सेना पर नियंत्रण करने की जरूरत है जो बार-बार द्विपक्षीय रिश्तों को बर्बाद करने पर तुले हैं. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक उन्होंने कहा, ‘हम आतंकवाद पर बात नहीं चाहते, हम उस पर कार्रवाई चाहते हैं. आतंक और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते.’ स्वराज से भारत द्वारा बालाकोट में की गई भारतीय हवाई कार्रवाई के बाद पाकिस्तानी पलटवार के बारे में भी सवाल पूछा गया, इस पर उन्होंने कहा कि भारत ने खास तौर पर आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के ठिकाने को निशाना बनाया. उन्होंने कहा, ‘जैश की तरफ से पाकिस्तानी सेना ने हम पर हमला क्यों किया? आप न सिर्फ जैश को अपनी जमीन पर पाल रहे हैं बल्कि उन्हें फंड भी दे रहे हैं और जब पीड़ित देश प्रतिरोध करता है तो आप आतंकी संगठन की तरफ से उस पर हमला करते हैं.’

उन्होंने कहा, ‘अगर इमरान खान (पाकिस्तानी प्रधानमंत्री) इतने उदार हैं तो उन्हें हमें मसूद अजहर को सौंप देना चाहिए.’ विदेश मंत्री ने कहा कि भारत के पाकिस्तान से अच्छे रिश्ते हो सकते हैं बशर्ते पड़ोसी देश ‘अपनी जमीन पर आतंकी समूहों के खिलाफ कार्रवाई करे.’

 विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि पुलवामा हमले के बाद उन्होंने कई देशों को अवगत करा दिया कि भारत, पाकिस्तान के साथ हालात को बिगड़ने नहीं देगा लेकिन उस देश से कोई भी हमला हुआ तो वह चुप नहीं रहेगा. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को चिंता है कि भारत स्थिति को खराब करेगा और इस मुद्दे पर कई विदेश मंत्रियों के साथ उनका संवाद हुआ.

उन्होंने कहा, ‘मुझे विदेश मंत्रियों के कॉल आते हैं, जो सबसे पहले पुलवामा हमले पर शोक प्रकट करते हैं फिर एकजुटता प्रकट करते हैं और इसके बाद वे धीरे से कहते हैं कि हमें लगता है भारत स्थिति को नहीं खराब करेगा.’ स्वराज ने कहा, ‘इस पर मेरा जवाब रहता है – नहीं. मैं आपको आश्वस्त करती हूं कि भारत स्थिति को नहीं खराब करेगा, लेकिन कोई भी आतंकी हमला हुआ तो हम चुप नहीं बैठेंगे क्योंकि पुलवामा हमले को हम अपनी नियति नहीं कह सकते.

ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (OIC) की बैठक में मिले आमंत्रण के बारे में उन्होंने कहा कि भारत इस मामले में काफी विनम्रता का अनुभव कर रहा है कि उसे ‘गेस्ट ऑफ ऑनर’ का दर्जा दिया गया.

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