नई दिल्ली। चुनाव आयोग आगामी लोकसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू हो गई है. थोड़ी देर में चुनावी तारीखों का ऐलान होगा. प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा, इन चुनाव में 90 करोड़ वोट डाले जाएंगे. इस बार 8 करोड़ 43 लाख वोटर बढ़े. 18 से 19 साल के बीच के करीब डेढ़ करोड़ वोटर इस बार अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. चुनाव आयोग का कहना है कि हमने इस बार चुनावी तारीखों के ऐलान में त्योहार और परीक्षाओं का भी ध्यान रखा है.
इन चुनावों में सभी इवीएम में वीवीपेट का इस्तेमाल होगा. इसके साथ ही ईवीएम पर उम्मीदवारों के फोटो भी लगे होंगे.
सूत्रों के अनुसार आगामी अप्रैल और मई में सात से आठ चरणों में लोकसभा की 543 सीटों के लिये चुनाव कराये जाने की संभावना है. सूत्रों के अनुसार, अभी कश्मीर में चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं होगा.
उल्लेखनीय है कि मौजूदा लोकसभा का कार्यकाल तीन जून को समाप्त होगा. चुनाव कार्यक्रम की घोषणा होते ही आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी. आचार संहिता लागू होने के बाद सरकार नीतिगत निर्णय नहीं ले सकेगी. समझा जाता है कि आयोग लोकसभा चुनाव के साथ ही आंध्र प्रदेश, उड़ीसा, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम की भी घोषणा कर सकता है. इन राज्यों की विधानसभा का कार्यकाल अगले कुछ महीनों में समाप्त हो रहा है.
सुषमा स्वराज ने हवाई हमलों को चुनावी मुद्दा बनाने के दिए संकेत
भाजपा पर्चों का इस्तेमाल कर लोगों से यह पूछेगी कि क्या वे उन पार्टियों को वोट देंगे जिन्होंने 26 फरवरी के हवाई हमले और अगले दिन पाकिस्तान के लड़ाकू विमानों के साथ हवाई जंग के संबंध में देश की सशस्त्र सेनाओं की वीरता पर सवाल उठाए. भाजपा की महिला कार्यकर्ताओं की रविवार को यहां एक सभा में वरिष्ठ नेता और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संकेत दिया कि 14 फरवरी को पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ सेना की कार्रवाई सत्तारूढ़ पार्टी के लिए एक चुनावी मुद्दा होगा.
पिछले साल हालांकि जम्मू कश्मीर विधानसभा भी भंग किये जाने के बाद आयोग के समक्ष मई से पहले राज्य में चुनाव कराने की बाध्यता है, लेकिन भारत पाकिस्तान सीमा पर तनाव को देखते हुये जम्मू कश्मीर में चुनाव प्रक्रिया शुरु करना राज्य के जटिल सुरक्षा हालात और इसके इंतजामों पर निर्भर करेगा. जम्मू कश्मीर में विधानसभा का 6 साल का कार्यकाल 16 मार्च 2021 तक निर्धारित था, लेकिन पिछले साल राज्य में सत्तारूढ़ पीडीपी-भाजपा गठबंधन टूटने के कारण विधानसभा भंग कर दी गयी थी. संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार जम्मू कश्मीर को छोड़कर अन्य सभी राज्यों की विधानसभा का कार्यकाल पांच वर्ष होता है.
सूत्रों के अनुसार लोकसभा की 543 सीटों पर चुनाव के लिये आयोग ने देश में लगभग दस लाख मतदान केन्द्र बनाये हैं. समझा जाता है कि चुनाव के पहले चरण के लिये मार्च के अंतिम सप्ताह में अधिसूचना जारी की जा सकती है. आयोग ने 2014 में लोकसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा पांच मार्च को की थी. पिछला चुनाव अप्रैल से मई के बीच नौ चरणों में कराया गया था. पहले चरण का मतदान सात अप्रैल को और अंतिम चरण का मतदान 12 मई को हुआ था.