नई दिल्ली। राफेल विमान सौदे में कथित घोटाले को लेकर एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस मामले में एक नया मोड़ आया है, बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि जिन डॉक्यूमेंट को अखबार ने छापा है वह रक्षा मंत्रालय से चोरी हुए थे. हम इसकी आंतरिक जांच कर रहे हैं. जस्टिस केएम जोसेफ ने सुनवाई के दौरान कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर सबूत पुख्ता हैं और भ्रष्टाचार हुआ है तो जांच जरूर होनी चाहिए.
‘राजनीतिक है मामला, संयम बरते कोर्ट’
अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि कोर्ट के बयान का विपक्ष राजनीतिक इस्तेमाल कर सकता है. कोर्ट को इस तरह की कवायद के लिए पक्षकार क्यों बनना चाहिए. इसलिए मैं कोर्ट से अपील करता हूं कि कोर्ट को इस मामले में संयम बरतना चाहिए. उन्होंने कहा कि रक्षा खरीद की न्यायिक जांच नहीं हो सकती है.
सरकार ने कहा चोरी हुए राफेल के कागज
AG केके वेणुगोपाल ने कहा है कि जिन गोपनीय कागजों को अखबार ने छापा है उसको लेकर कार्रवाई होनी चाहिए. अटॉर्नी जनरल ने कहा कि कुछ डॉक्यूमेंट को रक्षा मंत्रालय से चोरी किया गया और आगे बढ़ाए गए. उन्होंने कहा कि ये केस काफी अहम है. अखबार ने कुछ गोपनीय जानकारी सार्वजनिक कर दी हैं. AG ने कोर्ट को बताया कि दूसरे देशों से सरकार के रिश्ते RTI के एक्ट से भी बाहर हैं, लेकिन अखबार ने सभी बातों को सार्वजनिक किया जो कि एक गुनाह है.
सुनवाई की शुरुआत में पुर्नविचार याचिका दायर करने वाले प्रशांत भूषण ने 8 पेज का नोट कोर्ट को दिखाया. हालांकि, कोर्ट की ओर से कहा गया है कि वह इस मामले में कोई नया सबूत नहीं लेंगे, जो चीज़ें उपलब्ध हैं उन्हीं पर बात होगी.
केके वेणुगोपाल ने कहा कि राफेल सौदे पर अगर न्यायिक समीक्षा होती है तो भविष्य की खरीद पर असर पड़ सकता है. उन्होंने कहा कि विदेशी कंपनियों को इस बारे में विचार करना पड़ेगा. उन्होंने समझाया कि अभी हमें संसद, मीडिया और कोर्ट की कार्रवाई को पार करना पड़ता है. उन्होंने कहा कि मीडिया की तरफ से कोर्ट को प्रभावित किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि 22 पायलट हर महीने राफेल उड़ाने की ट्रेनिंग लेने के लिए फ्रांस जाने वाले थे. लेकिन सारी प्रक्रिया ठप हो गई है, इससे देश को भारी नुकसान हुआ है. वेणुगोपाल ने कहा कि अखबार को उनका सोर्स बताना चाहिए और इस याचिका को रद्द करना चाहिए क्योंकि ये चोरी किए गए कागजों पर आधारित है.
‘भ्रष्टाचार हुआ है तो जांच होगी’
जस्टिस केएम जोसेफ ने सुनवाई के दौरान बड़ी टिप्पणी की. उन्होंने केके वेणुगोपाल से कहा कि क्या आप कह रहे हैं कि भ्रष्टाचार की जांच सिर्फ इसलिए ना हो कि सोर्स असंवैधानिक है. हमें सबूतों की जांच करनी होगी. उन्होंने कहा कि चोरी किए गए सबूत भी महत्वपूर्ण हैं, इसकी जांच होना जरूरी है.
CJI ने पूछा क्यों नहीं की कार्रवाई?
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने AG केेके वेणुगोपाल से पूछा है कि अगर आपको लगता है कि राफेल के कागज चोरी हुए हैं और अखबारों ने चोरी किए हुए कागजों पर लेख लिखे हैं तो सरकार ने कोई कार्रवाई क्यों नहीं की.
संजय सिंह को झटका
राफेल मामले में पुनर्विचार याचिका दायर करने वाले आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है. सुनवाई के दौरान जब उनके वकील दलील देने के लिए खड़े हुए तो चीफ जस्टिस ने कहा कि हम संजय सिंह को नहीं सुनेंगे उन्होंने कुछ ऐसी टिप्पणियां की हैं जो ठीक नहीं हैं. चीफ जस्टिस ने संजय सिंह को कोर्ट की अवमानना के मामले में पेश होने को कहा है.
बीते साल 13 दिसंबर, 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने राफेल विमान सौदे में फैसला सुनाया था और कहा था कि इस सौदे में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं है. हालांकि, तब कुछ लोगों ने सवाल उठाया था कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के सामने सही कागजात पेश नहीं किए इसलिए फैसले पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए.
फैसला आने के फौरन बाद केंद्र सरकार ने संशोधन याचिका दाखिल की थी. इसके बाद प्रशांत भूषण ने याचिका दाखिल कर मांग की कि सरकार के दिए नोट में अदालत को गुमराह करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए. 26 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया कि राफेल मामले को लेकर दिए अपने फैसले पर खुली अदालत में फिर से विचार होगा.
आपको बता दें कि वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण, बीजेपी के बागी नेता यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी, आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह और वकील एम एल शर्मा ने पुनर्विचार याचिका में अदालत से राफेल आदेश की समीक्षा करने के लिए अपील की है.
अपील में कहा गया कि सरकार ने राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए निर्णय लेने की सही प्रक्रिया का पालन नहीं किया है. मोदी सरकार ने 3 P यानी Price, Procedure, Partner के चुनाव में गफलत बनाए रखी और अनुचित लाभ लिया है.
वहीं, केंद्र सरकार की अपील में कहा गया है कि कोर्ट अपने फैसले में उस टिप्पणी में सुधार करे जिसमें CAG रिपोर्ट संसद के सामने रखने का ज़िक्र है. केंद्र का कहना है कि कोर्ट ने सरकारी नोट की गलत व्याख्या की है.
प्रशांत भूषण की एक याचिका जो सरकार द्वारा गए नोट में अदालत को गुमराह करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई चाहती है. इसमें लिखा गया कि CAG ने राफेल पर संसद को अपनी रिपोर्ट सौंपी.
आपको बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरते रहे हैं. राहुल ने इस मुद्दे पर कई बार प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा कि पीएम मोदी ने अनिल अंबानी को फायदा पहुंचाने के लिए राफेल डील में गड़बड़ी की है.