मुंबई। पुलवामा आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान में घुसकर की गई एयरस्ट्राइक को लेकर राजनीतिक विवाद जारी है. कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों द्वारा इसको लेकर सबूत मांगे जा रहे हैं. सबूत मांगने वाली पार्टियों की फेहरिस्त में अब भारतीय जनता पार्टी की साथी शिवसेना का भी नाम जुड़ गया है. शिवसेना ने कहा है कि देशवासियों को इस बात का सच जानने का हक है.
शिवसेना की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि देशवासियों को ये जानने का हक है कि हमने दुश्मन के घर में कितना नुकसान पहुंचाया है. हमें नहीं लगता है कि इस प्रकार का सवाल पूछने से सेना के जवानों का मनोबल कमजोर होगा.
सामना के लेख के अनुसार, शिवसेना ने लिखा है कि कई मुद्दों पर प्रधानमंत्री इमोशनल हो जाते हैं, लेकिन इस बार प्रधानमंत्री की आंखों में आंसू नहीं दिखे. इस बार वो ज्यादा खुश दिखे हैं. एक तरफ जहां पाकिस्तान के साथ जंग का माहौल था, दूसरी ओर मोदी रैलियां ही संबोधित कर रहे थे.
इसमें लिखा है कि पुलवामा से पहले विपक्ष के पास महंगाई, बेरोजगार, राफेल डील समेत कई मुद्दे थे. लेकिन अब लगता है कि एयरस्ट्राइक के बाद सभी तरह के मुद्दे खत्म हो गए हैं और हर कोई एयरस्ट्राइक की बात कर रहा है.
आपको बता दें कि कांग्रेस के दिग्विजय सिंह, मनीष तिवारी, कपिल सिब्बल के अलावा टीएमसी नेताओं और अन्य कई बड़े विपक्षी नेताओं ने एयरस्ट्राइक पर सवाल उठाए हैं. कुछ नेताओं ने मांग की है कि सरकार को इसके पुख्ता सबूत पेश करने चाहिए.
भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने लगातार कहा है कि जो लोग एयरस्ट्राइक पर सवाल खड़ा कर रहे हैं, वह देश की सेना का मनोबल कम कर रहे हैं. अमित शाह के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एयरस्ट्राइक पर सवाल खड़े वालों पर निशाना साधा था.
शिवसेना इससे पहले भी मोदी सरकार के कई बड़े फैसलों पर सवाल खड़े कर चुकी है. बीते चार साल में लगातार शिवसेना ने बीजेपी पर निशाना साधा है. हालांकि, कुछ दिन पहले ही अमित शाह ने मुंबई पहुंच शिवसेना के साथ गठबंधन पर मुहर लगाई थी. दोनों पार्टियों में तय हुआ है कि भारतीय जनता पार्टी राज्य की 48 सीटों में से 25 पर चुनाव लड़ेगी तो वहीं शिवसेना 23 सीटों पर चुनाव लड़ेगी.