टीम इंडिया इन दिनों ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज खेल रही है. उसने ऑस्ट्रेलिया को पहले वनडे में छह विकेट से हराया. टीम इंडिया और ऑस्ट्रेलिया दोनों का ही ध्यान मौजूदा सीरीज से ज्यादा आगामी विश्व कप (World Cup 2019) पर है. भारतीय टीम इस सीरीज के जरिये विश्व कप की अपनी टीम में चौथे से छठे नंबर तक के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों की पहचान कर रही है. और आस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले वनडे के बाद कम से कम यह कहा जा सकता है कि नंबर-6 की तलाश तो बंद कर दी गई होगी. केदार जाधव इस नंबर के आदर्श खिलाड़ी हैं.
33 साल के केदार जाधव का वनडे करियर ज्यादा बड़ा नहीं है. उन्होंने पहला वनडे 2014 में खेला और तब से अब तक सिर्फ 55 मैच ही खेले हैं. उनके कम खेलने की मुख्य वजह यह है कि टीम प्रबंधन को छठे नंबर पर जिस खिलाड़ी की तलाश है, वह उसे शायद नहीं मिल पा रहा है. टीम इंडिया ने इस कोशिश में पिछले दो साल में दिनेश कार्तिक से लेकर कई खिलाड़ियों को छठे नंबर पर आजमाया. दिनेश कार्तिक इस नंबर पर काफी हद तक सफल भी रहे हैं. लेकिन केदार जाधव अपनी बहुमुखी प्रतिभा के चलते इस नंबर पर ज्यादा फिट हैं.
अगर हम केदार जाधव के आंकड़ों को देखेंगे तो पाएंगे कि उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन छठे नंबर पर ही है. उन्होंने अपने करियर की टॉप-4 पारियां इसी नंबर पर खेली हैं. भारत ने इन तीन मैचों में जीत दर्ज की. इन तीनों ही मैच में उन्हें मैन ऑफ द मैच भी चुना गया. एक मैच में भारत हार गया, लेकिन उस मैच में भी जाधव मैन ऑफ द सीरीज का खिताब ले उड़े. केदार जाधव ने 55 मैचों की 36 पारियों में 47.08 की औसत से 1083 रन बनाए हैं. वे 13 पारियों में नाबाद रहे हैं. दो शतकीय और पांच अर्धशतकीय पारियां खेल चुके हैं.
केदार जाधव ने करियर में जो दो शतक लगाए हैं, उन दोनों ही मैचों में भारत ने 100 रन के भीतर चार विकेट गंवा दिए थे. उन्होंने 2017 में इंग्लैंड के खिलाफ जिस मैच में 120 रन बनाए थे, उस मैच में भारत ने 63 रन पर चार विकेट खो दिए थे. इसी तरह उन्होंने 2015 में जिम्बाब्वे के खिलाफ 105 रन बनाए थे. इस मैच में भारत के चार विकेट 82 रन पर गिर गए थे. केदार की ये दो पारियां इस बात की गवाह हैं कि वे दबाव में बढ़िया खेलते हैं.