अबु धाबी। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज अबू धाबी में हो रही ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक को-ऑपरेशन (ओआईसी) के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने पहुंचीं हैं. इस दौरान सुषमा स्वराज ने कहा कि 2019 भारत के लिए महत्वपूर्ण साल रहा है. आईओसी इस साल सिल्वर जुबली मना रहा है. इस साल को भारत महात्मा गांधी की 150वीं जयंती वर्ष के रूप में मना रहा है.
उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था इस समय वैश्विक अर्थव्यवस्था का हिस्सा बन रही है. विश्व में खासकर दक्षिण एशियाई क्षेत्र में आतंकवाद फैल रहा है, इससे लोगों की जान जा रही है. उन्होंने कहा कि आतंकवाद इस समय दुनिया के लिए खतरा बन रहा है. स्वराज जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच उत्पन्न तनाव की पृष्ठभूमि में इस बैठक में हिस्सा ले रही हैं.
स्वराज दो दिवसीय ओआईसी की बैठक के उद्घाटन समारोह में शुक्रवार को हिस्सा ले रही हैं. भारत को 57 इस्लामिक देशों के समूह ने पहली बार अपनी बैठक में आमंत्रित किया है. उन्हें विशिष्ट अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है.
भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव की पृष्ठभूमि में भारत और ओआईसी के बीच यह नया संबंध स्थापित हो रहा है. मंगलवार को बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े शिविर पर भारत के हवाई हमले के बाद दोनों देशों के बीच संबंध और तनावपूर्ण हुए हैं. वहीं पाकिस्तान ने बुधवार को जवाबी कार्रवाई की.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया है, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ओआईसी के मंत्री स्तरीय बैठक के लिए अबु धाबी पहुंचीं. भारत को संयुक्त अरब अमीरात के विदेश मंत्री एचएच शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल नाह्यान ने विशिष्ट अतिथि के रूप में आमंत्रित किया है. पाकिस्तान में आतंकवादी शिविरों पर हमले के बाद इस्लामाबाद ने प्रयास किया था कि ओआईसी के लिए स्वराज का आमंत्रण रद्द हो जाए.
गौरतलब है कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी भी इस बैठक में हिस्सा ले रहे हैं. हालांकि उन्होंने पहले कहा था कि स्वराज के ओआईसी में हिस्सा लेने पर वह बैठक का बहिष्कार करेंगे. कुरैशी ने गुरुवार को कहा कि ओआईसी हमार घर है इसलिए वह वहां जाएंगे, लेकिन स्वराज के साथ कोई बातचीत नहीं होगी.