नई दिल्ली। इंडिया टुडे समूह के इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के 18वें संस्करण का आगाज हो चुका है. इंडिया टुडे ग्रुप के चेयरमैन और एडिटर-इन चीफ अरुण पुरी के स्वागत भाषण से इंडिया टुडे कॉन्क्लेव की शुरुआत हुई. इस दौरान अरुण पुरी ने कहा कि यह इंडिया टुडे कॉन्क्लेव का 18वां साल है. हम दो ऐसे महत्वपूर्ण मौकों से गुजरे हैं जो हमारे कॉन्क्लेव की थीम ‘हार्ड च्वाइसेज’ (कठिन विकल्प) को और सही साबित करती हैं.
उन्होंने कहा कि इस हफ्ते की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुलवामा हमले के जवाब में पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक का निर्णय कर अपना सबसे कठिन विकल्प चुना है. यह पीएम मोदी द्वारा किया गया एक दृढ़ और साहसिक निर्णय था. साल 1971 के बाद से अब तक ऐसा कोई स्ट्राइक नहीं हुआ था और पाकिस्तान जिस तरह का देश है उसे देखते हुए ऐसा निर्णय आसान नहीं था.
अरुण पुरी ने कहा कि पाकिस्तान ऐसा बौना लोकतंत्र है जो बर्बादी की कगार पर है. वह सेना के अंतर्विरोधों से संचालित हो रहा है. हर बार वे हमें परमाणु हमले की धमकी देते रहे हैं. लेकिन पीएम मोदी ने उनकी हेकड़ी को खत्म किया है. भारत ने यह ध्यान रखा कि पाकिस्तान में ‘गैर- सैन्य पूर्व रक्षात्मक स्ट्राइक’ किया जाए और भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय तक पहुंच कर राजनयिक तरीके से इस मसले को हल करने की कोशिश भी की.
अरुण पुरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह साहसिक फैसला लिया. साथ ही हमारी स्ट्राइक आतंकी ठिकानों पर थी न कि पाकिस्तान की सेना और वहां की आम जनता पर. अरुण पुरी ने कहा कि दोनों परमाणु संपन्न देश हैं. अब पाकिस्तान बातचीत की बात कर रहा है, लेकिन भारत ने साफ कर दिया है कि आतंकवाद पर कार्रवाई के बगैर बातचीत संभव नहीं है.
अरुण पुरी ने कहा कि यह खतरनाक टकराव अभी खत्म नहीं हुआ है बल्कि अभी इसकी शुरुआत है. हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम आतंक के खिलाफ कैसे कार्रवाई कर सकते हैं. हम हर तरह से पाकिस्तान के अलग-थलग करना चाहते हैं.
अपने संबोधन में अरुण पुरी ने कहा कि हमें पाकिस्तान पर काबू में रखना होगा. उन्होंने कहा कि आतंकियों पर कार्रवाई होनी चाहिए, साथ-साथ पाकिस्तान पर भी लगातार दबाव बनाए रखने की जरूरत है. पुरी ने कहा कि अगले दो दिन हम देश के विभिन्न मुद्दों पर विशेषज्ञों के साथ चर्चा करने जा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगला लोकसभा चुनाव कौन जीतेगा. लेकिन मुझे इसका जवाब नहीं पता. उन्होंने कहा कि इस चुनाव के नतीजे कुछ अहम सवालों के जवाब देने का भी काम करेंगे. साथ ही बताएंगे कि देश कैसी सरकार चाहता है. हिन्दुत्व और हिन्दू के फर्क को भी चुनावी नतीजे बताने जा रहे हैं.