नई दिल्ली। पुलवामा हमले का बदला भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के ट्रैनिंग कैंप पर एयर स्ट्राइक करके पूरा कर लिया है. जानकारी के मुताबिक, सर्जिकल स्ट्राइक-पार्ट2 के लिए भारतीय वायुसेना के मिराज2000 लड़ाकू विमानों को चुना गया. मिराज फाइटर जेट्स की ग्वालियर स्थित दो स्कॉवड्रन को जिम्मेदारी सौंपी गईं. ये दोनों स्कॉवड्रन थीं–टाइगर (नबंर 1 स्कॉवड्रन) और (नंबर 7) बैटेल एक्सेस. इन दोनों स्कॉवड्रन के 6-6 फाइटर जेट्स ने इस मिशन में हिस्सा लिया. कुल मिलाकर 12 मिराज 2000 आई (यानि अपग्रेड) ने हिस्सा लिया. मिराज 2000 विमानों को भारत ने फ्रांस से 80 के दशक में खरीदे थे. वायुसेना में ‘वज्र’ के नाम से जाने वाले मिराज को फ्रांस की उसी दसॉ(ल्ट) कंपनी ने बनाया था जिसने राफेल जेट बनाया है.
जानें किन बमों का किया गया इस्तेमाल
मिराज जेट्स ने इजरायली बम, ‘स्पाईस2000’ का इस्तेमाल बालाकोट में हमले के लिए किया था. SPICE मतलब Smart Precise Impact Cost Effective. ये गाईडेड लेजर बम प्रेसिसयन बम है. एक बम 1000 किलो का होता है. 2015 में भारत ने इन बमों का सौदा इजरायल से किया था. इजरायल की राफिल कंपनी बनाती है (फ्रांस का राफेल अलग है).
सुबह करीब 3.30 बजे मिराज फाइटर जेट्स पाकिस्तान की सीमा में दाखिल हुए. इन लड़ाकू विमानों ने ग्वालियर एयरबेस से ही उड़ान भरी थी. लेकिन पाकिस्तान की सीमा में दाखिल होने से पहले वायुसेना का एक एवैक्स (AWECS-एयर वॉर्निग एर्ली कंट्रोल सिस्टम) टोही विमान भटिंडा फॉरवर्ड एयर बेस से उड़ान भरकर पूरे एयर स्पेस की निगरानी कर रहा था. करीब करीब 200 किलोमीटर के दायरे पर ये टोही विमान नजर रख रहा था ताकि अगर पाकिस्तानी जेट्स की कोई आहट दिखाई पड़े तो भारतीय पायलट्स को आगाह किया जा सके.
इसके अलावा एक आईएल78 रिफ्यूल टैंकर पाकिस्तानी सीमा से थोड़ी दूरी पर था ताकि अगर किसी फाइटर जेट में फ्यूल की जरूरत पड़े तो हवा में ही रिफ्यूलिंग की जा सके. इस टैंकर ने अंबाला एयरबेस से उड़ान भरी थी. साथ ही इजरायली ड्रोन, हेरोन से भी पूरे एयर स्पेस की निगरानी रखी जा रही थी.
मिराज क्योंकि डीप पैनिट्रेशन में माहिर है और काफी नीचे उड़ान भरकर दुश्मन की रडार को चकमा दे सकता है इसलिए पाकिस्तान की रडार की जद में आए बगैर लड़ाकू विमान पाकिस्तान की सीमा में दाखिल हो गए.
सुपरसोनिक यानि आवाज की गति से तेज उड़ान भरकर मिराज विमान पहले पीओके में दाखिल हुए और फिर एलओसी से करीब 80 किलोमीटर दूर पाकिस्तान के खबैर-पख्तूनख्वा प्रांत (केपीके) में दाखिल हो गए. केपीके के मनसेरा जिले के बालाकोट में जैश ए मोहम्मद के आतंकी कैंप पर इन मिराज जेट्स ने लेजर गाईडेड बम दागे. कम से कम पांच (05) बमों को दागा गया. इस हमले में जैश के टॉप कमांडर, उस्ताद गौरी सहित करीब 300 आतंकियों के मारे जाने की खबर है.
करीब 20 मिनट तक ये लड़ाकू विमान पाकिस्तान की सीमा में रहे. जबतक पाकिस्तानी वायुसेना जाग पाती तबतक मिराज विमान अपना मिशन पूराकर वापिस भारतीय सीमा में वापस लौट चुकी थी. पाकिस्तानी फाइटर जेट्स एलओसी से वापस लौट गए क्योंकि तबतक भारतीय वायुसेना के सभी फॉरवर्ड ऑपरेटिंग एयरबेस एक्टिव हो चुके थे और पूरी भारतीय एयर स्पेस को सुरक्षित घेरे में ले लिया गया.
आपको बता दें कि भारतीय वायुसेना ने इस जोखिम भरे मिशन को ऐसे समय में अंजाम दिया जब पाकिस्तानी वायुसेना पूरी तरह अलर्ट थी. सोमवार को ही पाकिस्तानी थलसेना प्रमुख, कमर जावेद बाजवा एयर हेडक्वार्टर गए थे और पाकिस्तानी वायुसेना की तैयारियों का जायजा लिया था. साथ ही बयान जारी कर दावा किया था कि अगर भारत ने कोई हवाई हमला किया तो उसका कड़ा जवाब दिया जायेगा. लेकिन महज 15 घंटे के भीतर ही भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान की नाक के नीचे ‘नॉन-मिलिट्री प्रीएम्टिव स्ट्राइक’ कर दी.
आपको यहां पर ये भी बताना जरूरी है कि एबीपी न्यूज ने शुक्रवार को ही इसबात का खुलासा किया था कि इस बार भारतीय वायुसेना की तरफ से एयर स्ट्राइक कर पाकिस्तान से बदला लिया जायेगा.