इस्लामाबाद। पुलवामा हमले की जवाबी कार्रवाई में भारतीय वायुसेना की पाकिस्तान के टेरर कैंप पर हवाई हमले के बाद पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है. भारत की तरफ से इस गैर-सैन्य कार्रवाई के ऐलान के बाद नेशनल सिक्योरिटी कमेटी की बैठक में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने बालाकोट में आतंकी कैंप पर हमले में हुए नुकसान की खबर को खारिज कर दिया. इमरान खान ने कहा कि भारत ने अनावश्यक आक्रामकता दिखाई है जिसका पाकिस्तान सही वक्त और सही जगह पर जवाब देगा.
भारत के जवाबी हमले से बौखलाए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक बुलाई जिसमें पाकिस्तान की तीनों सेना के प्रमुख और खुफिया विभाग के अधिकारी मौजूद रहे. इमरान खान ने इस बैठक में सुरक्षाबलों और पाकिस्तान की जनता को हर तरह के हालात के लिए तैयार रहने को कहा. इसके साथ ही इमरान खान ने 27 फरवरी (बुधवार) को नेशनल कमांड अथॉरिटी की बैठक बुलाई है. बता दें कि पाकिस्तान की नेशनल कमांड अथॉरिटी ही पाकिस्तान के न्यूक्लियर हथियारों की देखरेख करती है. इसके साथ ही पाकिस्तान सरकार ने दोनों सदनों का विशेष सत्र भी बुलाया है.
नेशनल सिक्योरिटी कमेटी की विशेष बैठक की जानकारी देते हुए पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि जिस जगह पर हमला हुआ उसकी तस्वीर पूरी दुनिया के सामने है. विदेशी और पाकिस्तानी मीडिया को उस जगह का दौरा कराया जाएगा जहां हमले में भारी नुकसान का दावा किया जा रहा है. ताकि भारत के कथित प्रोपेगैंडा को उजागर किया जा सके. कुरैशी ने यह भी कहा कि भारत में महबूबा मुफ्ती मांग कर रही हैं कि दावों की पुष्टि की जानी चाहिए.
गौरतलब है कि भारतीय वायुसेना ने खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के बिनाह पर जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े प्रशिक्षण शिविर पर बुधवार तड़के मिराज 2000 लड़ाकू विमान से हमला किया गया. इस हमले की जानकारी देते हुए भारत के विदेश सचिव विजय गोखले ने कहा कि गोपनीय सूत्रों से जानकारी मिली थी कि जैश-ए-मोहम्मद देश के विभिन्न हिस्सों में एक और आत्मघाती आतंकी हमले को अंजाम देने की कोशिश कर रहा था और फिदायीन जिहादियों को प्रशिक्षित किया जा रहा था. इस संभावित खतरे को रोकने के लिए, यह प्रहार अनिवार्य हो गया था.
गोखले ने बताया इस ऑपरेशन में, बहुत बड़ी संख्या में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी, कमांडर, प्रशिक्षक और आतंकी हमलों के प्रशिक्षण के लिए आये हुए जिहादियों का सफाया कर दिया गया. बालाकोट की इस आंतकी प्रशिक्षण संस्था का नेतृत्व जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मौलाना मसूद अजहर का साला मौलाना यूसुफ अजहर उर्फ उस्ताद गौरी कर रहा था.
उन्होंने बताया कि इस गैर-सैन्य कार्रवाई को विशेष रूप से जैश-ए-मोहम्मद शिविर पर ही केन्द्रित किया गया था. वायुसेना ने अपने हमले के ठिकानों का चयन करते समय इसका ध्यान रखा था कि इसमें जन हानि न हो. यह प्रशिक्षण केंद्र आबादी वाले इलाके से दूर एक घने जंगल में पहाड़ी पर स्थित था.