नई दिल्ली। भारतीय सेना ने पुलवामा आतंकी हमले का बदला लेना शुरू कर दिया है. इंडियन एयरफोर्स ने सोमवार को पीओके में घुसकर आतंकियों के ठिकानों को तबाह कर दिया. एयरफोर्स ने आतंकियों के ठिकानों को निशाने बनाते हुए भारी बमबारी की. सूत्रों के अनुसार भारतीय वायु सेना के 12 ‘मिराज 2000’ विमानों ने जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर 1000 किलो से ज्यादा विस्फोटक गिराया. एयरफोर्स की तरफ से तड़के 3.30 बजे यह बमबारी की गई. भारत की तरफ से की गई इस कार्रवाई के बाद दोनों देशों के बीच सीमा पर तनाव बढ़ने की आशंका है.
कार्रवाई की पाकिस्तान ने भी पुष्टि की
पुलवामा हमले के बाद इंडियन एयरफोर्स की तरफ से की गई इस कार्रवाई की पाकिस्तान ने भी पुष्टि की है. पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफ्फूर ने बताया कि भारतीय वायुसेना के विमानों ने लाइन ऑफ कंट्रोल का उल्लंघन किया है. उन्होंने ट्वीट किया कि ‘भारतीय वायुसेना ने एलओसी का उल्लंघन किया. हमने तुरंत जवाब दिया, जिसके बाद भारतीय वायुसेना के विमान वापस अपनी सीमा में लौट गए.’ भारतीय वायु सेना ने जिस ‘मिराज 2000’ से कार्रवाई की है, उसकी खूबियां आगे पढ़ें…
‘मिराज-2000’ की 10 खूबियां
– भारतीय सेना के पास मौजूद मिराज-2000 विमान एक सीट वाला फाइटर जेट है. इसका निर्माण ‘डसॉल्ट मिराज एविशन’ ने किया है. मिराज- 2000 फाइटर जेट को 1980 के दशक में फ्रांस से खरीदा गया था.
– यह विमान एक घंटे में 2495 किलोमीटर की दूरी तय करने में सक्षम है. मिराज एक फ्रेंच बहुउपयोगी फोर्थ जेनरेशन का सिंगल इंजन लड़ाकू विमान है.
– भारतीय वायु सेना के पास 50 ‘मिराज-2000’ हैं. इस हमले में एयरफोर्स ने 12 विमानों का इस्तेमाल किया है. पिछले दिनों भारतीय सरकार ने इन विमानों के अपग्रेडेशन के लिए फ्रांस की डसॉल्ट एविएशन के साथ करार किया था, जिसके तहत कुछ विमानों का अपग्रेडेशन हो गया. अपग्रेडशन के बाद ये विमान पहले से ज्यादा ताकतवर हो गए हैं.
– दुनिया के सबसे अच्छे लड़ाकू विमानों की लिस्ट में ‘मिराज-2000’ दसवें नंबर पर है. इसकी पहली उड़ान 10 मार्च 1978 को हुई थी.
– यह विमान जमीन पर भारी बमबारी करने के साथ ही हवा में मौजूद दूसरे प्लेन्स को भी निशाना बनाने में सक्षम है. 21 मई, 2015 को मिराज-2000 दिल्ली के पास यमुना एक्सप्रेस वे पर लैंड कराया गया. इसे आपातकालिन स्थिति में राष्ट्रीय राजमार्गों को रनवे की तरह इस्तेमाल किया जा सके, इसलिए इस ड्रिल को मिराज से अंजाम दिया गया था.
– फ्रांस की कंपनी की तरफ से बनाए गए मिराज-2000 हर तरह के मौसम में उड़ान भरने में सक्षम है.
– ‘मिराज-2000’ बेहद तेज गति से कम ऊंचाई पर उड़ते हुए जमीन पर मौजूद दुश्मन के ठिकानों पर बमबारी कर सकता है.
– ‘मिराज-2000’ एक बार में 17 हजार किलोग्राम भार ले जाने में सक्षम है.
– इसकी रेंज 1480 किमी है यानी एक बार में 1480 किमी दूर तक दुश्मन के ठिकानों पर बमबारी कर सकता है. डसॉल्ट मिराज 2000 हवा से सतह पर मिसाइल और हथियार से हमला करने के साथ-साथ लेजर गाइडेड बम (LGB) दागने में भी सक्षम है.
– 1999 में करगिल युद्ध के दौरान मिराज-2000 ने अहम भूमिका निभाई थी और दुश्मन को नेस्तनाबूद कर दिया था. करगिल की लड़ाई में मिराज ने दुश्मन के ठिकानों पर लेजर गाइडेड बम दागे थे, जिससे अहम बंकरों को ध्वस्त कर दिया गया था. यह लड़ाकू विमान फ्रांसिसी एयरफोर्स के साथ भारतीय वायुसेना, युनाइटेड अरब अमीरात एयरफोर्स और चीनी रिपब्लिक वायुसेना के बेड़े में भी शामिल है.