नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर की तरफ से दायर मानहानि मामले में पत्रकार प्रिया रमानी को जमानत दे दी है. प्रिया रमानी ने आरोप लगाए थे कि पत्रकार रहने के दौरान अकबर ने उनसे यौन दुर्व्यवहार किया था. अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने दस हजार रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि के मुचलके पर उनकी जमानत मंजूर की.
अकबर के वकीलों ने किया याचिका का विरोध
पत्रकार प्रिया रमानी की तरफ से पेश हुई वरिष्ठ वकील रेबेका जॉन ने अदालत से कहा कि उनकी मुवक्किल जमानत की हकदार हैं, क्योंकि मानहानि जमानत योग्य अपराध है. रमानी ने आवेदन देकर मामले में व्यक्तिगत पेशी से भी छूट की मांग की. अकबर के लिए पेश होने वाले वकीलों ने याचिका का विरोध किया.
सच्चाई ही मेरा बचाव है- रमानी
अदालत ने अकबर को निर्देश दिया कि सुनवाई की अगली तारीख दस अप्रैल को रमानी के आवेदन पर जवाब दाखिल करें. रमानी ने सुनवाई के बाद मीडिया से कहा, ‘‘सुनवाई की मेरी अगली तारीख 10 अप्रैल है…अब अपनी कहानी बताने की मेरी बारी है. सच्चाई ही मेरा बचाव है.’’
इससे पहले अदालत ने रमानी को पेश होने के निर्देश दिए थे और कहा था कि अकबर के खिलाफ लगाए गए आरोप ‘‘प्रथमदृष्ट्या मानहानिपूर्ण’’ हैं. अकबर ने सभी आरोपों को ‘‘गलत और मनगढ़ंत’’ बताए. रमानी ने अकबर पर करीब 20 साल पहले यौन दुर्व्यवहार करने के आरोप लगाए जब वह पत्रकार थे. अकबर ने आरोपों से इनकार किया है.
आरोपों के बाद अकबर ने दिया था इस्तीफा
बता दें कि पिछले साल प्रिया रमानी की तरफ से यौन शौषण के आरोप लगने के बाद एमजे अकबर ने विदेश राज्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था. एमजे अकबर ने पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ मानहानि का केस दायर किया था.