इस्लामाबाद: पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को एक पत्र लिखा है, जिसमें भारत पर क्षेत्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने का आरोप लगाया गया है. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय (एफओ) ने शुक्रवार (22 फरवरी) को एक बयान जारी कर यह जानकारी दी.
यह कदम ऐसे में उठाया गया है जब एक दिन पहले ही संयुक्त राष्ट्र की शक्तिशाली संस्था ने पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) का नाम लेकर जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकवादी संगठन द्वारा किए गए ‘‘जघन्य’’ हमले की कड़ी निंदा की थी. उन्होंने यह भी कहा कि भारत बिना किसी सबूत के पुलवामा हमले के लिए पाकिस्तान पर आरोप लगा रहा है.
आपको बता दें कि पुलवामा हमले पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव में जैश-ए-मोहम्मद का नाम और हमले के साजिशकर्ताओं को न्याय के दायरे में लाने की अपील समेत वह विशेष भाषा प्रयोग की गई है, जो भारत ने अपने सहयोगी देशों के माध्यम से प्रस्तावित की है. आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार (22 फरवरी) को इसकी जानकारी दी.
चीन समेत 15 स्थायी और अस्थायी सदस्यों वाली सुरक्षा परिषद ने भारत के प्रति एकजुटता एवं समर्थन जताने के लिए पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के ‘‘जघन्य एवं कायराना’’ आतंकवादी हमले की ‘‘कड़े शब्दों में’’ निंदा की.
यूएनएससी ने प्रस्ताव में इस बात को भी दोहराया कि हर प्रकार का आतंकवाद अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा के समक्ष सबसे गंभीर खतरों में से एक है. परिषद ने आतंकवाद की इन निंदनीय करतूतों को अंजाम देने वाले, इनके आयोजकों, वित्त पोषकों और प्रायोजकों को जिम्मेदार ठहराए जाने और न्याय के दायरे में लाए जाने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया. सुरक्षा परिषद ने सभी देशों से अपील की कि वे पुलवामा हमले के साजिशकर्ताओं को न्याय के दायरे में लाने के लिए अंतरराष्ट्रीय कानून एवं प्रासंगिक सुरक्षा परिषद प्रस्तावों के तहत अपनी प्रतिबद्धताओं के अनुसार भारत और अन्य सभी प्रासंगिक प्राधिकारियों के साथ सक्रिय सहयोग करें.