नई दिल्ली। पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के समूल विनाश के लिए भारत के साथ ईरान भी आ गया है. ईरान ने अपने एलीट कमांडो फोर्सेज रिवाल्यूशनरी गार्ड्स पर बुधवार को हुए हमले के लिए पाकिस्तान को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया है और कहा है कि इसके लिए पाकिस्तान को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी.
बीते बुधवार को ईरान के इस्फहान शहर में हुए इस आत्मघाती हमले में रिवाल्यूशनरी गार्ड्स के 27 जवानों ने जान गंवाई थी. जबकि 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए. यानी पाकिस्तान में बैठे आतंक के आकाओं की दहशतगर्दी से दोनों देशों में 67 जवान शहीद हो गए.
ईरान की पाकिस्तान को चेतावनी
ईरान के उप विदेश मंत्री सैय्यद अब्बास अरगाची ने तेहरान में भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात के बाद पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा कि अब पानी सिर से ऊपर जा चुका है. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज अपने तीन दिनों की विदेश यात्रा पर जाने के दौरान ईरान की राजधानी तेहरान में रुकी थीं. ईरान के उप विदेश मंत्री सैय्यद अब्बास अरगाची ने ट्वीट किया, “बीते कुछ दिनों में ईरान और भारत आतंकवाद की घृणित कार्रवाई का शिकार हुए हैं. इस हमले की वजह से दोनों देशों को भारी नुकसान हुआ है आज भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ मीटिंग में हमने इस क्षेत्र में आंतकवाद के खिलाफ सहयोग बढ़ाने का फैसला किया है, Enough is enough!.”
इससे पहले ईरान के रिवाल्यूशनरी गार्ड्स ने अपने सैनिकों पर हुए आत्मघाती हमले में पाकिस्तान पर साजिशकर्ताओं को समर्थन देने का आरोप लगाया. रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कमांडर मेजर जनरल मोहम्मद अली जाफरी ने साफ तौर पर पाकिस्तान का नाम लेते हुए कहा कि पाकिस्तान इमरान खान सरकार जानती है कि जिहादी समूह जैश-अल-अद्ल और इस्लाम के लिये खतरा बन चुके ये जिहादी तत्व कहां हैं. उन्होंने कहा कि इन्हें पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों का समर्थन हासिल है.
रिवाल्यूशनरी गार्ड्स ने पाकिस्तान को वार्निंग देते हुए कहा, “अगर पाकिस्तान सरकार ने उन्हें दंडित नहीं किया तो हम इन जिहादी समूहों को मुंहतोड़ जवाब देंगे और पाकिस्तान को उनका समर्थन करने का अंजाम भुगतना होगा”. मेजर जनरल मोहम्मद अली जाफरी ने जोर देते हुए कहा कि वे लोग निश्चित रूप से बदले की कार्रवाई करेंगे.
बता दें कि भारत और ईरान में हुए दोनों हमले आत्मघाती थे. दोनों जगह विस्फोटकों का इस्तेमाल किया गया था. इस हमले के कुछ ही घंटे बाद दोनों देशों ने एक दूसरे को संपर्क किया था. भारत के विदेश सचिव विजय गोखले ने ईरान के राजदूत से मिलकर घटनाओं से जुड़ी सूचनाएं साझा की थी.
ईरान पर हुआ ये हमला हाल के वर्षों में सबसे घातक प्रहार था. इससे कुछ दिन पहले ही ईरान ने अपने इस्लामिक क्रांति की 40वीं वर्षगांठ मनाई थी. ईरान के सुप्रीम धर्म गुरु अयातुल्ला खुमैनी ने इस हमले के बाद पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए कहा था कि कुछ क्षेत्रीय और ट्रांस क्षेत्रीय खुफिया एजेंसियां इस काम में लगी हुई है.