नई दिल्ली। पुलवामा हमले में देश ने 40 वीर जवान खोए. हमले के बाद घंटे भी ना गुजरे थे कि पाकिस्तान के कुख्यात आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इसकी जिम्मेदारी ले ली. जैश-ए-मोहम्मद वही आतंकी संगठन है जिसका सरगना मौलाना मसूद अजहर है. मौलाना मसूद अजहर कभी भारतीय जेलों में चक्की पीसता था. लेकिन दिसंबर 1999 में इंडियन एयरलाइंस के विमान के अपहरण के बाद यात्रियों की रिहाई के एवज में तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी सरकार को मजबूरी में मौलाना मसूद अजहर को छोड़ना पड़ा था.
इसके बाद लगातार मौलाना मसूद अजहर वक्त-वक्त पर भारतीय गणराज्य को जख्म देता रहा है. 2001 में संसद पर हमला हो या फिर पठानकोट एयरबेस पर आतंकी हमला. आतंक के इस ‘मौलाना’ ने भारतीय जमीन पर हमेशा खून बहाया है. इसकी करतूतों की फेहरिश्त में ताजा हमला है पुलवामा का आतंकी हमला.
मौलाना मसूद अजहर ने पाकिस्तान के पंजाब प्रांत को अपना ठिकाना बनाया है. वह पंजाब के बहावलपुर शहर में आतंक का स्कूल चलाता है. यहां पर एक मस्जिद है, जहां पर ये शख्स धर्म और मजहबी तालीम के नाम पर जेहादियों की भर्ती करता है.
बहावलपुर पाकिस्तान का 12वां बड़ा शहर है. अगर इस शहर में कोई शख्स पहुंचता है तो एक सफेद मस्जिद किसी का भी ध्यान अपनी ओर खीचती है. इस मस्जिद का नाम जामिया सुभानअल्लाह है. यही मस्जिद जैश का मुख्यालय और मौलाना मसूद अजहर की मांद है.
यदि आप बहावलपुर में नेशनल हाईवे-5 पर चलते हैं तो आपके लिए ये पता करना मुश्किल नहीं होगा कि भारत का मॉस्ट वांटेंड आतंकी कहां रहता है. एनएच-5 पर सरकी चौक नाम के एक जगह पर पाकिस्तान सरकार लोगों के लिए F-6 फाइटर प्लेन आम जनता के देखने के लिए लगा रखा है. यहां आप कुछ मिनट पैदल चलते हैं तो 1100 मीटर की दूरी पर जामिया सुभानल्लाह मस्जिद स्थित है.
बहावलपुर इलाके में ही पाकिस्तान आर्मी 31 कॉर्प्स का मुख्यालय है. ये इलाका बेहद संवेदनशील है. कहा जाता है कि इस मुख्यालय में पाकिस्तान के न्यूक्लियर प्रतिष्ठान है. आप ये जानकर हैरान होंगे कि जैश मुख्यालय और पाकिस्तान आर्मी के 31 कॉर्प्स के हेड क्वार्टर के बीच की दूरी मात्र 8 से 9 किलोमीटर है. यानी कि भारत का सबसे वांटेड आतंकी पाकिस्तानी सेना की छत्र-छाया से मात्र 8 किलोमीटर की दूरी पर अपने आतंक का मदरसा बेखौफ चलाता है.
यहां पर मस्जिद के अलावे लड़कों का एक हॉस्टल भी है. इस हॉस्टल में नए लड़कों के रहने की व्यवस्था है. सूत्रों की माने तो यहां पर स्विमिंग पूल, खेलने का मैदान और दूसरी सुविधाएं उपलब्ध हैं. इस इलाके में आतंकी मसूद अजहर की धाक का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां पर स्थानीय पुलिस को भी अंदर आने की इजाजत नहीं है. सूत्रों के मुताबिक पठानकोट हमले के बाद इस जगह पर पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों ने छापा भी मारा था.