वॉशिंगटन। अमेरिका ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में हुए आतंकवादी हमले की शुक्रवार को निंदा करते हुए सभी देशों से आतंकवादियों को सुरक्षित पनाह और समर्थन नहीं देने की अपील की. यह हमला पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने किया है. पुलवामा आतंकवादी हमले की निंदा पूरी दुनिया में हो रही है,बांग्लादेशन, नेपाल, रूस सभी देश इस हमले की निंदा कर रहे हैं, लेकिन पाकिस्तान के दोस्त चीन ने अब तक इस मामले पर कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी है.
भारतीय सेना के 44 जवान शहीद
गुरुवार को हुए हमले में केंद्रीय आरक्षित पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 44 से ज्यादा जवान शहीद हो गए जबकि कई अन्य घायल हुए हैं. जैश के एक आत्मघाती हमलावर ने पुलवामा जिले में सीआरपीएफ की एक बस में विस्फोटक लदे वाहन से टक्कर मार दिया. जिससे हुए विस्फोट में सैनिक शहीद हुए हैं.
भारत के समर्थन में कही ये बात
हमले की निंदा करते हुए अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि वह किसी भी रूप में आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए भारत सरकार के साथ काम करने को प्रतिबद्ध है. शहीद जवानों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए अमेरिकी विदेश मंत्रालय के उप प्रवक्ता रॉबर्ट पैलाडिनो ने कहा, “भारतीय राज्य जम्मू कश्मीर में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकवादी हमले की अमेरिका कड़े शब्दों में निंदा करता है.”
पैलाडिनो ने कहा, “संयुक्त राष्ट्र की ओर से आतंकवादी घोषित पाकिस्तान स्थित आतंकी समूह जैश-ए-मोहम्मद ने इस जघन्य कृत्य की जिम्मेदारी ली है. हम सभी देशों से आह्वान करते हैं कि वे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का पालन करें ताकि आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह और समर्थन देने से बचा जा सके.”
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली शर्मा के अलावा मालदीव, भूटान के राष्ट्राध्यक्षों ने हमले की निंदा करते हुए कहा है कि वह दुख की इस घड़ी में भारत के साथ हैं. पाकिस्तान सरकार ने एक बयान में कहा कि कश्मीर के पुलवामा में हमला ‘‘एक गंभीर चिंता का विषय है.’’ हालांकि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अब तक इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.