प्रवीण बागी
राफेल डील पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी बिलकुल सही कह रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नादान” हैं। उन्हें राजनीति नहीं आती। प्रधानमंत्री के रूप में शासन चलाना, गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर शासन चलाने से बिलकुल अलग है। इसीलिए राफेल फाइटर जेट डील में वे भूल” कर बैठे। पिछली सरकार ने 2007 में राफेल का सौदा जिस दर पर तय किया था, 2016 में मोदी जी ने उससे 2. 86 प्रतिशत कम दर पर सौदा कर लिया। भला ऐसा भी कहीं होता है ? समय के साथ -साथ महंगाई भी बढ़ती है। हर वस्तु की कीमत बढ़ती है। और आप हैं की दाम घटाकर राफेल खरीद रहे हैं ? यह क्या है ? सचमुच यह बहुत गंभीर बात है। इससे देश की प्रतिष्ठा कितनी गिरी है , देशवासी इसे समझ नहीं रहे हैं। मोदी जी, आप पूरा अंतर्राष्ट्रीय बाजार बिगाड़ रहे हैं ! अर्थव्यवस्था पर इसका कितना घातक असर होगा ,आपको इसका कुछ पता है ? पता कैसे होगा ! आपने विदेश में तो पढाई की नहीं है। ना ही अपने सिब्बल साहब जैसा कानूनी दाव -पेंच के जानकार हैं। आपने संघ की शाखा में सिर्फ दक्ष:- आरमः की है और सूखी देशभक्ति सीखी है। आपको राजनीति बिलकुल नहीं आती ! और आयेगी भी कैसे ! आपने कोई राज खानदान” में तो जन्म लिया नहीं ! न आपके बाप -दादे कभी राजनीति में रहे। तो राजनीति समझियेगा कैसे ? राज चलाना तो राज खानदानों का काम है !
सूखी देशभक्ति से क्या होगा ? उसे थोड़ा ”तर’ तो होने देते। दाम बढ़ाकर सौदा करते। कुछ अपने ”पाते” ,कुछ कुछ विपक्ष को ”दिलाते” तब न ”सबका साथ -सबका विकास” का आपका नारा सार्थक होता ! न खायेंगे ,न खाने देंगे -यह क्या बात हुई ? ऐसे में भला राजनीति कैसे चलेगी ? 1962 में जीप घोटाला कांड से जिस ”उज्जवल संसदीय परम्परा” की शुरुआत हुई थी और बोफोर्स से परवान चढ़ते हुए अगस्टा हेलीकाप्टर कांड तक पहुंची थी, उसे आप तहस -नहस करने पर आमादा दिख हैं। यह बिलकुल अच्छी बात नहीं है। संघ की शाखा में आपको यही सिखाया गया है क्या ?
अगर राहुल जी की बातों की आपको परवाह नहीं है तो कमसे कम भारतीय परंपरा का तो ध्यान रखते ! जिसमें शुभ -लाभ की महत्ता बताई गई है। राजनीति में अगर ”शुभ -लाभ” नहीं होगा तो काहे की राजनीति ? आपकी तरह सभी यहां सूखी देशभक्ति के लिये तो आये नहीं हैं! आपने अपने परिजनों को भी कोई लाभ नहीं दिया। यह क्या है प्रधानमंत्री जी ! दूसरों से कुछ तो सीखिए। कैसे -कैसे लोगों ने सत्ता में आकर 14 पीढ़ी के लिए ”आरक्षण” करा लिया। अकूत धन -संपदा बटोर ली। पार्टी की संपत्ति तक अपने नाम करा ली। और एक आप है ?
राहुल जी ठीक कह रहे हैं। आप राजनीति को खराब कर रहे हैं। क्या हुआ जो राफेल डील में सुप्रीम कोर्ट ने आपको क्लीन चिट दे दिया ! CAG ने फायदे का सौदा बता दिया, अंततः इससे शुभ -लाभ वाली राजनीतिक परंपरा तो टूट गई ?
खैर अब तो तो केस जनता की अदालत में जायेगा। राफेल उड़ेगा की क्रैश करेगा यह जनता को तय करना है। देखते हैं जनता क्या तय करती है। उसे यह भी तय करना है कि ”शुभ -लाभ वाली राजनीति” चाहिये या सूखी देशभक्ति वाली राजनीति”?
(वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण बागी के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)