मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर दंगा मामले में स्थानीय कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया. कोर्ट ने 2 युवकों की हत्या में आरोपी 7 लोगों को दोषी करार दिया है. इस हत्या के बाद ही 2013 में मुजफ्फरनगर दंगा भड़का था, जिसमें करीब 60 से अधिक लोग मारे गए थे. कोर्ट दोषी करार दिए गए लोगों को शुक्रवार को सजा सुनाएगी. इस दौरान अदालत परिसर में सुरक्षाकर्मियों का भारी जमावड़ा लगा रहा.
मुजफ्फरनगर में एक अस्थायी आवास पर रहते हुए मृतक के परिवार ने टीवी पर अदालत के फैसले को देखा. फैसला सुनकर गौरव की मां के आंसू छलक पड़े. ‘आजतक’ से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि आरोपियों को मौत की सजा मिलनी चाहिए. उन्होंने बिना किसी कारण के मेरे बेटे को मार डाला. मैं न्याय चाहती हूं. हमने सब कुछ खो दिया. घटना के बाद से एक भी त्योहार नहीं मनाया. कोई खुशी नहीं है.
बता दें, अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश हिमांशु भटनागर ने 27 अगस्त 2013 को गौरव और सचिन की हत्या करने और दंगा भड़काने के जुर्म में मुजम्मिल मुज्जसिम, फुरकान, नदीम, जांगीर, अफजल और इकबाल को दोषी करार दिया. अदालत ने 10 गवाहों और बचाव में उतरे 6 गवाहों की जिरह के बाद इन 7 लोगों को दोषी ठहराया.
2013 में मुजफ्फरनगर के जनसठ थाना अंतर्गत कवाल गांव के दो युवकों की हत्या कर दी गई थी. इसके बाद दंगा भड़क गया था. अभियोजन पक्ष के वकील की ओर से दिए गए आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 2013 के दंगे के बाद 6,000 से ज्यादा मामले दर्ज किए गए और दंगे में कथित भूमिका के लिए 1480 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. मामले की छानबीन करने वाली विशेष जांच टीम ने 175 मामलों में आरोपपत्र दाखिल किया था.
इस बीच 8 फरवरी को सजा का ऐलान होने के बाद आरोपी पक्ष हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी में है.