नई दिल्ली। पिछले कुछ समय से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के बयानों को हथियार बनाकर विपक्षी दल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को निशाना बना रहे हैं. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा द्वारा किए गए ऐसे ही तंज भरे ट्वीट पर नितिन गडकरी ने पलटवार करते हुए कहा है कि एक राष्ट्रीय पार्टी के अध्यक्ष होने के बाद भी आपको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करने के लिए कंधे ढूढ़ने पड़ रहे हैं और मीडिया द्वारा ट्विस्ट की गई खबरों का सहारा लेना पड़ रहा है.
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को अपने ट्वीट में टैग करते हुए लिखा है कि मेरी हिम्मत के लिए मुझे आपके सर्टिफिकेट की जरूरत नही हैं. लेकिन आश्चर्य इस बात का है की एक राष्ट्रीय पार्टी के अध्यक्ष होने बाद भी हमारी सरकार पर हमला करने के लिए आपको मीडिया द्वारा ट्विस्ट की गई खबरों का सहारा लेना पड़ रहा है. यही मोदीजी और हमारी सरकार की कामयाबी है कि आप को हमला करने के लिए कंधे ढूढ़ने पड़ रहे है.
दरअसल कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में एक खबर साझा करते हुए लिखा कि गडकरी जी, बधाई! बीजेपी में अकेले आप ही हैं जिसमें हिम्मत है. कृपया इस पर भी टिप्पणी दें:
1. राफेल घोटाला और अनिल अंबानी2. किसानों की बदहाली
3. संस्थाओं का ध्वंस
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस ट्वीट में जिस खबर को साझा किया उसमें नितिन गडकरी ने अपने संबोधन में कहा था कि पार्टी (बीजेपी) कार्यकर्ताओं को पहले अपनी घरेलू जिम्मेदारियों को पूरा करना चाहिए जो ऐसा नहीं कर सकता, वो ‘देश नहीं संभाल सकता.’
इसके बाद राहुल गांधी ने दोबारा अपने ट्वीट में लिखा गडकरी जी. बड़ी माफी. मैं सबसे महत्वपूर्ण भूल गया…..
JOBS! JOBS! JOBS! JOBS!
गडकरी ने आगे ट्वीट में लिखा कि हमारे और कांग्रेस के डीएनए में यही अंतर है कि हम लोकतंत्र और संवैधानिक सस्थाओं पर विश्वास करते हैं. आपके ये पैंतरे चल नहीं रहे. मोदीजी फिर प्रधानमंत्री बनेंगे और हम मजबूती के साथ देश को आगे बढ़ाएंगे. लेकिन,आप भविष्य में समझदारी और जिम्मेदारी के साथ बर्ताव करेंगे यह उम्मीद करता हूं.
आपको बता दें कि हिंदी पट्टी के तीन राज्यों में बीजेपी की हार के बाद भी केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के बयान को लेकर विवाद खड़ा हो गया था. पुणे में सहकारी बैंक कर्मियों के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा था कि राजनीति में हार की समीक्षा के लिए कमेटी बैठती है, लेकिन जब जीत मिलती है तो कोई पूछने वाला नहीं होता. क्योंकि सफलता का श्रेय लेने के लिये लोगों में होड़ रहती है, लेकिन विफलता को कोई स्वीकार नहीं करना चाहता, सब दूसरे की तरफ उंगली दिखाने लगते हैं.
हालांकि बाद में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा था कि उन्होंने कहने की कोशिश की कि बैंक अगर मुनाफे में आता है तो बैंक की लीडरशीप क्रेडिट लेती है. वैसे ही अगर बैंक या बिजनेस घाटे में चला जाता है तो उसकी जिम्मेदारी भी बैंक के लीडरशिप को लेनी चाहिए.
आपको बता दें कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की पहली पंक्ति में एक साथ बातचीत करने की तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब शेयर की गई थी.