टीम इंडिया की न्यूजीलैंड दौरे में एतिहासिक वनडे सीरीज में मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने तारीफ की है. तेंदुलकर ने टीम इंडिया को आगामी वनडे विश्व कप खिताब का प्रबल दावेदार बताते हुए रविवार को यहां कहा कि यह देखना सुखद है कि हमारी क्रिकेट टीम दुनिया के किसी भी हिस्से और पिच पर प्रतिस्पर्धी क्रिकेट खेल सकती है. विराट कोहली की कप्तानी में भारतीय टीम ने विदेशों में तीन एकदिवसीय सीरीजओं में जीत दर्ज की है. भारत ने दक्षिण अफ्रीका में 5-1, ऑस्टेलिया में 2-1 और न्यूजीलैंड में 4-1 से सीरीज अपने नाम की जबकि उसे इंग्लैंड में शिकस्त मिली.
तेंदुलकर ने विवार को कहा, ‘‘मैंने कई बार कहा है कि दुनिया के किसी भी हिस्से और किसी भी पिच पर खेलने के लिए हमारी टीम पूरी तरह संतुलित है.’’ आईडीबीआई फेडरल लाइफ इंश्योरेंस कोलकाता मैराथन के ब्रांड दूत के तौर पर यहां पहुंचे तेंदुलकर ने कहा, ‘‘ जहां तक हमारी संभावनाओं (विश्व कप में) का सवाल है तो मुझे यह कहने में कोई हिचक नहीं कि हम उसके प्रबल दावेदार होंगे.’’
इंग्लैंड का प्रदर्शन घर में सुधरेगा
विश्व कप की मेजबान इंग्लैंड की टीम ने वेस्टइंडीज दौरे पर शुरुआती दो टेस्ट में खराब प्रदर्शन किया लेकिन तेंदुलकर का मानना है कि घरेलू परिस्थितियों में वनडे में उसकी टीम पूरी तरह अलग होगी. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले इस भारतीय खिलाड़ी ने कहा, ‘‘(विश्व कप में) किसी भी टीम का प्रदर्शन शुरूआत में लय हासिल करने पर निर्भर करेगा.”
न्यूजीलैंड को कहा छुपारुस्तम
विश्व कप में दावेदार टीम के बारे चर्चा करते हुए सचिन ने कहा, “मेरा मानना है कि इंग्लैंड प्रबल दावेदार होगा जबकि न्यूजीलैंड की टीम छुपीरूस्तम हो सकती है.’’ न्यूजीलैंड को घरेलू एकदिवसीय सीरीज में भारत से शिकस्त मिली लेकिन विश्व कप में टीम शानदार प्रदर्शन कर सकती है. उन्होंने कहा, ‘‘न्यूजीलैंड ने सीरीज में संघर्ष किया लेकिन उनकी टीम अच्छी है.’’
शानदार वापसी की थी वनडे सीरीज में न्यूजीलैंड में
भारत के खिलाफ न्यूजीलैंड की टीम ने पहले तीन मैच हारने के बाद हैमिल्टन में जबरदस्त वापसी की थी. इस मैच में न्यूजीलैंड ने पहले टीम इंडिया को केवल 92 रनों में समेटा और 93 रनों के लक्ष्य को केवल 14.4 ओवरों में हासिल करते हुए भारत के खिलाफ ‘शेष गेंद रहने’ के मामले में सबसे बड़ी जीत दर्ज की. इसके बाद वेलिंगटन वनड़े में न्यूजीलैंड के गेंदबाजों ने केवल 18 रन पर टीम के चार अहम बल्लेबाजों को पवेलियन वापस लौटा कर उसे संकट में डाल दिया था. हालांकि इसके बावजूद अंबाती रायडू और हार्दिक पांड्या की बल्लेबाजी और टीम इंडिया के गेंदबाजों के बेहतरीन प्रदर्शन के दम पर वह मैच हार गई थी.