कोलकाता। चिटफंड केस में केंद्र सरकार और पश्चिम बंगाल की ममता सरकार (Mamata Banerjee Dharna) आमने-सामने आ गए हैं. इतना ही नहीं केंद्र की जांच एजेंसी सीबीआई और राज्य की पुलिस (Police Vs CBI) में भी टकराव खुलकर देखने को मिल रहा है. अब पूरा मामला डराने, धमकाने, राजनीतिक द्वेष की भावना से कार्रवाई करने से लेकर भ्रष्टाचारियों को बचाने तक पहुंच गया है. इस विवाद के बीच कोलकाता पहुंचे बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आरोप लगाया कि शारदा चिटफंड घोटाले के राजदार को बचाने के लिए ये धरना किया जा रहा है.
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सवाल उठाते हुए कहा कि वह पुलिस कमिश्नर को बचाना चाहती हैं या खुद को बचाना चाहती हैं. उन्होंने ममता बनर्जी से पूछा कि आप क्या छुपाना चाहती हैं.
जावड़ेकर ने कहा कि कुणाल घोष, सुदीप बंदोपाध्याय, तापस पाल समेत मदन मित्रा जैसे तृणमूल कांग्रेस के नेता गिरफ्तार हुए, लेकिन कभी ममता बनर्जी ने धरना नहीं दिया. उन्होंने सवाल उठाए कि पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के पास ऐसा क्या है कि ममता बनर्जी जी ने पूरी ताकत झोंक दी है.
प्रकाश जावड़ेकर ने यह भी बताया कि चिटफंड के मालिक ने कहा था कि एक लाल डायरी और पेन ड्राइव है, उसमें काफी मसाला है. उसमें अनेक लोगों के नाम हैं, जिसमें पैसों की जानकारी है. अब सुप्रीम कोर्ट द्वारा सीबीआई को सौंपी गई जांच की जा रही है तो वह ममता बनर्जी इससे भाग क्यों रही हैं.
राजनीतिक बदले की भावना से कार्रवाई के आरोप पर प्रकाश जावड़ेकर ने अपनी सफाई में कहा कि यह केस ममता बनर्जी के मित्र राहुल गांधी की पार्टी यानी पश्चिम बंगाल कांग्रेस ने कराया था और सीबीआई को जांच सुप्रीम कोर्ट ने सौंपी थी. ऐसे में बीजेपी पूछता चाहती है कि वह जांच से क्यों भाग रही हैं और पुलिस कमिश्नर को बचाने के लिए धरना क्यों कर रही हैं. जावड़ेकर ने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है जब मुख्यमंत्री उठकर पुलिस कमिश्नर के घर गईं, और यही नहीं पुलिस कमिश्नर, डीजी और एडीजी भी धरने पर बैठ गए. उन्होंने साफ तौर पर आरोप लगाया कि चिटफंड घोटाले के राजदारों को बचाने के लिए सीएम धरने पर बैठी हैं और यह विपक्षी एकजुटता घोटाले करने वालों की है.