नई दिल्ली। ऋषि कुमार शुक्ला को सीबीआई का नया डायरेक्टर बनाए जाने पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं. कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इस बारे में अपनी आपत्ति जताई है. खड़गे ने अपने पत्र में लिखा है कि सीबीआई डायरेक्टर बनाए गए ऋषि कुमार शुक्ला के पास भ्रष्टाचार निरोधक जांच का ज्यादा अनुभव नहीं है. गौरतलब है कि सीबीआई में लंबे समय से घमासान चल रहा था. पूर्व सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा और डिप्टी डायरेक्टर राकेश अस्थाना के बीच विवाद के बाद से ये पद खाली था.
कार्मिक मंत्रालय की ओर से जारी आदेश के अनुसार मध्य प्रदेश पुलिस के पूर्व प्रमुख ऋषि कुमार शुक्ला को दो साल के तय कार्यकाल के लिये शनिवार को केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) का निदेशक नियुक्त किया गया है. मध्य प्रदेश काडर के 1983 बैच के आईपीएस अधिकारी शुक्ला फिलहाल भोपाल में मध्य प्रदेश पुलिस आवास निगम के अध्यक्ष हैं. वह आलोक वर्मा का स्थान लेंगे, जिन्हें 10 जनवरी को सीबीआई निदेशक के पद से हटा दिया गया था. शुक्ला का हाल में मध्य प्रदेश पुलिस महानिदेशक पद से पुलिस आवास निगम में तबादला हुआ था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली चयन समिति की 24 जनवरी और एक फरवरी को हुई दो बैठकों के बाद उनकी नियुक्ति हुई है. शुक्रवार को चयन समिति की दूसरी बैठक के दौरान शुक्ला का नाम छांटा गया था. इस घटनाक्रम को अहम माना जा रहा है क्योंकि शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह अंतरिम सीबीआई निदेशक की नियुक्ति को लेकर ‘अनिच्छुक’ है और केन्द्र को ‘तत्काल’ केन्द्रीय जांच ब्यूरो के नियमित निदेशक की नियुक्ति करनी चाहिए.
शीर्ष अदालत ने कहा कि सीबीआई निदेशक का पद ”संवेदनशील” और ”महत्वपूर्ण” है और लंबे समय तक एजेंसी के अंतरिम निदेशक की नियुक्ति ठीक नहीं है. अदालत ने जानना चाहा कि सरकार ने अब तक इस पद पर नियुक्ति क्यों नहीं की है. बता दें कि भ्रष्टाचार के आरोपों पर गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना के साथ वर्मा का टकराव हुआ था. वर्मा और अस्थाना दोनों ने एक दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाये थे.
वर्मा को हटाये जाने के बाद से एम नागेश्वर राव सीबीआई के अंतरिम प्रमुख के तौर पर कार्यरत हैं. शुक्रवार की बैठक प्रधानमंत्री के आवास पर हुई. यह बैठक एक घंटा से अधिक समय तक चली. सीजेआई रंजन गोगोई और कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे बैठक में शामिल हुए.