नई दिल्ली। आम टैक्स पेयर्स या यूं कहें कम कमाने वाले लोग जो टैक्स के बोझ से दबे थे, उन्हें इतिहास में पहली बार सबसे बड़ी टैक्स छूट दी गई है. यूं तो सरकार ने पांच लाख रुपए तक की आमदनी को टैक्स फ्री कर दिया है, लेकिन अगर आप LIC, मेडिकल, पीएफ में निवेश करते हैं, तो आपको पूरे-पूरे 6.50 लाख रुपए तक कोई भी टैक्स नहीं लगेगा. आसान भाषा में कहें तो पहले पांच लाख रुपए कमाने पर जो आप 13 हजार रुपए टैक्स देते थे, वो अब जीरो (0) हो गया है.
ऐसे समझें आपकी बचत
आय | पहले टैक्स | अब टैक्स |
5 लाख | 13,000 | पूरी छूट |
7.5 लाख | 65,000 | 49,920 |
10 लाख | 1.17 लाख | 99,840 |
20 लाख | 4.29 लाख | 4.02 लाख |
मोदी सरकार का ‘सिक्सर’
– मकान के किराए पर लगने वाले टैक्स डिडक्शन की सीमा 1 लाख से बढ़ाकर 2.5 कर दी गई है
– 40 हजार तक के ब्याज पर कोई टैक्स नहीं लगेगा.
– स्टैंडर्ड डिडक्शन 40 हजार से बढ़ाकर 50 हजार किया गया.
– तीन करोड़ से ज्यादा मध्यमवर्गीय लोगों को लाभ मिलेगा
– अगर इनवेस्टमेंट करते हैं तो, साढ़े 6 लाख तक कोई टैक्स नहीं लगेगा
टैक्स रिटर्न भरना होगा आसान
वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि इनकम टैक्स से जुड़ी सभी समस्याओं का ऑनलाइन समाधान हो रहा है. 99.54 फीसदी इनकम टैक्स रिटर्न्स को बिना किसी छानबीन के मंजूर किया गया है. अब 24 घंटे में सभी इनकम टैक्स रिटर्न प्रोसेस होंगे और तुरंत रिफंड दिए जाएंगे. अगले दो साल में आईटीआर का वेरिफिकेशन तुरंत ऑनलाइन होगा. इसमें किसी टैक्स अफसर की भूमिका नहीं होगी. आगे चलकर स्क्रूटनी के लिए भी दफ्तर नहीं जाना होगा. टैक्स अफसर कौन है और टैक्स देने वाला कौन है, यह दोनों को पता नहीं चल पाएगा.