नई दिल्ली। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बेटे विवेक डोभाल ने बुधवार को अपना बयान पटियाला हाउस कोर्ट में दर्ज कराया और अपनी कंपनी और केस से जुड़े कागजात कोर्ट को दिए. डोभाल ने कोर्ट में दावा किया कि उनकी कंपनी में कभी भी 8300 करोड़ का निवेश नहीं हुआ है. लिहाजा उन पर लगाए गए आरोप निराधार हैं.
विवेक डोभाल ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश और अन्य के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा किया है. जयराम रमेश और अन्य ने विवेक डोभाल पर आरोप लगाया है कि उन्होंने नोटबंदी के समय काले धन को अपनी कंपनी के जरिये सफेद किया है.
देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बेटे विवेक डोभाल ने कोर्ट में अपना बयान दर्ज कराते हुए कहा कि जिस तरह बीते दिनों एक मैगजीन में उनके और उनके परिवार के खिलाफ लिखा गया और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की उससेउनकी मानहानि हुई है. हालांकि मंगलवार को विवेक डोभाल के अलावा उनके बिजनेस पार्टनर अमित शर्मा और एक साथी निखिल कपूर को अपनी गवाही कोर्ट में देनी थी लेकिन वे नहीं पहुंच पाए. इसके बाद कोर्ट ने अगली तारीख दे दी. अब 11 फरवरी को इस मामले में कोर्ट में अगली सुनवाई होगी. 11 फरवरी को ही अमित शर्मा और निखिल कपूर का बयान कोर्ट में दर्ज होगा. विवेक डोभाल का बयान दर्ज होने में 4 घंटे से ज्यादा का वक्त लगा.
विवेक डोभाल ने अपना बयान कोर्ट में दर्ज कराते हुए कहा कि ‘इस आर्टिकल से उनके पिता अजीत डोभाल को सीधे टारगेट किया गया. आर्टिकल का शीर्षक डी-कंपनी दिया गया और फोटो में पिता अजीत डोभाल और उनके दोनों तरफ हम दोनों भाइयों को दिखाया गया. पूरे देश को मालूम है कि डी-कंपनी दाउद इब्राहिम को कहते हैं और मेरे पिता दाउद इब्राहिम के खिलाफ लड़ रहे हैं. लिहाजा आर्टिकल से सीधे-सीधे उनके पिता और परिवार की छवि खराब हुई है.’
विवेक डोभाल ने अपने बयान में कहा, ‘पिता को वो हीरो मानते हैं. जब वो 17 जनवरी 2019 को दोहा से लौटे तो उनके पिता ने आर्टिकल दिखाते हुए सवाल किया. तब मुझे बहुत धक्का लगा. सबसे पहले 16 जनवरी को मेरे भाई ने इस आर्टिकल के बारे में मुझे बता दिया था.’
विवेक डोभाल ने कोर्ट से कहा कि ’17 जनवरी 2019 को उन्हें मालूम चला कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उनके पिता और उन्हें टारगेट किया है. इंडियन नेशनल कांग्रेस के प्लेटफार्म से ये प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई थी. प्रेस कॉन्फ्रेंस की ट्रांसक्रिप्शन इंडियन नेशनल कांग्रेस की वेबसाइट पर थी. तकरीबन 30 बार इस प्रेस कॉन्फ्रेंस को मैंने देखा और पाया कि काफी मानहानि करने वाले शब्दों का इस्तेमाल किया गया. यही नहीं मेरे संबंध सऊदी अरब के घरानों से जोड़े गए, जो बिल्कुल गलत हैं. मुझे और परिवार को छोटा डोभाल बोल कर ट्विटर पर ट्रोल किया गया. यूट्यूब पर भद्दी भद्दी टिप्पणी मेरे और मेरे परिवार पर आम लोगों ने की.’
विवेक डोभाल ने कोर्ट को ट्विटर और यूट्यूब के फोटोकॉपी भी दी जिस पर सवाल किए गए थे. विवेक डोभाल ने कोर्ट को यह भी बताया कि उन पर इस तरह आरोप लगाए गए हैं कि इससे उनका करियर ही खत्म हो जाएगा. वो फाइनेंस सेक्टर से जुड़े हुए हैं साथ ही यूके के नागरिक हैं और गर्व महसूस करते हैं कि ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया हैं.
विवेक डोभाल ने कोर्ट में दावा किया कि उनके पिता ने उनके व्यापार में कभी कोई भी मदद नहीं की. विवेक डोभाल ने कहा कि उनके बारे में सबकुछ गूगल पर उपलब्ध है. उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय पैसे को अपनी कंपनी में डायरेक्ट नहीं ले सकते क्योंकि फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टमेंट का नियंत्रण रहता है. उनकी कंपनी में कुल 6 इन्वेस्टर्स हैं.
गौरतलब है कि विवेक डोभाल ने आपराधिक मानहानि का मुकदमा एक मैगजीन, उसके लेखक और कांग्रेस नेता जयराम रमेश पर किया है. मैगजीन ने विवेक डोभाल पर आरोप लगाया था कि नोटबंदी के कुछ दिनों बाद 8300 करोड़ रुपए ब्लैकमनी विवेक डोभाल की कंपनी में इन्वेस्ट की गई. उस ब्लैकमनी को देश में लाकर सफेद किया गया. आगे इस मामले में विवेक डोभाल के पक्ष में 2 और गवाही होगी. विवेक डोभाल के बिजनेस पार्टनर अमित शर्मा और निखिल कपूर 11 फरवरी को कोर्ट में गवाही देंगे.